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Kal Bhairav Jayanti: कब है कालभैरव जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

कब है काल भैरव जयंती
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी की शुरुआत पांच दिसंबर को सुबह 1.29 बजे से हो रही है और इस तिथि का समापन 6 दिसंबर बुधवार सुबह 4.07 बजे हो रहा है। इसलिए उदयातिथि में काल भैरव जयंती पाच दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन लोग विशेष रूप से काल भैरव की पूजा करेंगे और व्रत रखेंगे। मंगलवार को यह व्रत पड़ने से यह पूजा खास हो गई है। क्योंकि इस दिन काल भैरव की पूजा हनुमानजी को भी प्रसन्न करती है।

काल भैरव की पूजा विधि
1. काल भैरव जयंती के दिन सुबह स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लें।
2. काल भैरव की पूजा रात में करने का नियम है, इसलिए शाम को किसी मंदिर में जाएं और भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने चौमुखा दीपक जलाएं।
3. अब फूल, इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल आदि चीजें अर्पित करें।
4. यहां आसन पर बैठकर कालभैरव चालीसा पढ़ें।
5. पूजा पूरी होने के बाद आरती करें और जानें-अनजाने हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।

काल भैरव की पूजा का महत्व
काल भैरव की पूजा से भक्तों को अभय प्राप्त होता है। खास तौर से तंत्र बाधा से भी राहत मिलती है। अच्छे कर्म करने वालों को काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और हर तरह के दुखों से मुक्ति मिलती है।



Source: Dharma & Karma

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