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She News- थिएटर को बढ़ावा देने का कर रहीं प्रयास

Rakhi Hajela
सफलता पाने के लिए सोने की तरह से तपना पड़ता है तभी जाकर हम वो मुकाम हासिल कर पाते हैं जिसका सपना देखते हैं। ये कहना है मीनाक्षी माथुर का, जो लेखिका होने के साथ ही थियेटर से भी जुड़ी हैं। वे कला मंजर के बैनर तले प्रदेश की लोक कला को संरक्षित और थिएटी को आगे बढ़ाने का का काम कर रही हैं। इसका आरंभ उस समय हुआ जबकि उन्हें एक नाटक से शारीरिक विकलांगता के कारण बाहर कर दिया गया। उन्होंने इसे एक चैलेंज की तरह से लिया और कला मंजर की शुरुआत की। जिसके बैनर पर संगीत, लोक कला के जुड़़े कलाकारों को एक मंच दिया जा रहा है।
लेखन के प्रति लगाव
मीनाक्षी को लेखन के प्रति भी गहरा लगाव है। वे कविता और कहानी लेखन करती हैं कई पत्र पत्रिकाओं में उनकी कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं लेकिन उन्हें थियेटर और लोक कलाओं में रुचि है। वे कहती हैं कि दिव्यांगजन को आगे बढ़ाने में प्रति सरकार और संस्थाएं रुचि नहीं लेते। उन्हें तब याद किया जाता है जब कोई विशेष दिन होता है्र अन्यथा नहीं।



Source: Education

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