भड़के शंकराचार्य ने चंपतराय पर कह दी बड़ी बात, रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले ये है उनकी छोटी सी मांग
चंपतराय छोटे व्यक्ति, कर रहे बंटवारा
ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बीते दिन श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपतराय के बयान पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने चंपतराय को छोटा व्यक्ति तक कह दिया, साथ ही चंपतराय पर हिंदुओं में बंटवारा करने तक का आरोप लगा दिया।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि चंपत राय जहां बैठे हैं, वो बड़ी जगह है, उनका हृदय उदार होना चाहिए। चंपत राय का वक्तव्य हिंदू समाज में फूट डालने वाला है। समझदार व्यक्ति को सही जगह बैठाना चाहिए, छोटे व्यक्ति को बैठा दिया है छोटी बात कर रहा है। राम सबके हैं, उनके काम से जुड़ा व्यक्ति उदार हृदय वाला होना चाहिए, सबको लेकर चले, शास्त्र का पालन करे। शंकराचार्य का कोई मंदिर नहीं होता, लेकिन शंकराचार्य हर मंदिर पर धर्म की व्यवस्था देने के लिए अधिकृत हैं। रामानंद और शंकराचार्य सभी का शास्त्र एक ही है।
क्या चाहते हैं शंकराचार्य
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि मंदिर में रामलला की बाल स्वरूप की प्रतिमा है, ऐसे में या तो उनके साथ माता कौशल्या की प्रतिष्ठा भी हो या मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले गाय को राष्ट्र माता घोषित किया जाए और पहले भोग में राष्ट्र माता का दूध भगवान को पिलाएं, तब जयजयकार होगी।
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क्या कहा था चंपत राय ने
दरअसल, एक दिन पहले श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने श्रीराम मंदिर पर एक बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा कि राम मंदिर रामानंदी संप्रदाय का है, शंकराचार्य, शैव और शाक्त का यहां क्या काम..
श्रृंगेरी के शंकराचार्य भी गुस्से में
इन दिनों श्रृंगेरी के शंकराचार्य भारती तीर्थ भी गुस्से में हैं। हाल में शंकराचार्य के हवाले से सोशल मीडिया पर वायरल वीडयो जिसमें दावा किया गया था कि शंकराचार्य रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जा रहे हैं। दावा था कि शंकराचार्य ने कहा है कि हिन्दू समाज को मूर्ख बनाने और लोकसभा चुनाव से पहले प्रोपेगंडा खड़ा करने के लिए यह भाजपा का यह प्रयोजित कार्यक्रम है। हालांकि बाद में श्रृंगेरी मठ ने स्पष्टीकरण जारी किया और सभी बयानों को भ्रामक बताया।
श्रृंगेरी मठ ने कहा कि कुछ धर्मद्वेषियों ने शंकराचार्य के छाया चित्र के साथ सोशल मीडिया पर ऐसा संदेश डाला है जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि श्रृंगेरी शंकराचार्य पवित्र प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध कर रहे हैं। लेकिन शंकराचार्य ने ऐसा कोई संदेश नहीं दिया है।यह धर्म द्वेषियों का मिथ्या प्रचार है, आस्तिक व्यक्ति इस पर ध्यान न दें। जो भी व्यक्ति इस पावन उत्सव में शामिल होना चाहते हैं, वो शामिल हों और उत्सव के समय श्रीराम तारक मंत्र का जाप करें।
Source: Dharma & Karma