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बंगला-कार-बेशुमार पैसा- सब कुछ देगी 20 मिनट की यह पूजा

पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पुत्रदा एकादशी कहलाती है। पुत्रदा एकादशी श्रावण मास में भी आती है पर पौष पुत्रदा एकादशी बहुत ही श्रेष्ठ मानी गयी है। इस बार यह तिथि 21 जनवरी 2024 को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरूण बुचके के अनुसार इस बार पुत्रदा एकादशी रविवार के दिन है जिसके कारण इसका महत्व और बढ़ गया है। संतान सुख के लिए इस दिन सूर्यदेव की भी पूजा करनी चाहिए।

वैसे तो इस दिन व्रत रखकर निष्ठापूर्वक पूजा पाठ करनेवालों को विष्णुजी पुत्र संतान और संतान का सुख देते हैं पर पुत्रदा एकादशी व्रत केवल पुत्र लाभ या संतान सुख ही नहीं दिलाता है। इस दिन जो भी व्यक्ति श्रद्धा और निष्ठा के साथ विष्णुजी की पूजा करता है उसे जीवन के सारे सुख मिलते हैं।

बंगला प्यार पैसा सब कुछ मिलेगा
सभी को जिंदगी में भौतिक सुखों की कामना होती है। लोगों को आज के जमाने में गाड़ी, बंगला, प्यार, पैसा सब कुछ चाहिए। ऐसे तमाम भौतिक सुखों के लिए भगवान विष्णु की कृपा जरूरी है। एकादशी पर विष्णुजी की पूजा सबसे ज्यादा फलदायी होती है, इसलिए पुत्रदा एकादशी पर व्रत रखकर पूजा पाठ जरूर करें।

एकादशी के दिन सुबह पानी में गंगाजल डालकर नहाएं। स्नान के बाद
इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें और सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। पुत्रदा एकादशी पर आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें, संभव हो तो यह स्तोत्र तीन बार पढ़ें। सूर्यदेव की पूजा संपन्न होने के बाद उन्हें दोबारा जल अर्पित करें। सूर्य देव के आशीर्वाद से योग्य और यशवान संतान प्राप्त होती है।

सूर्य पूजन के बाद शुद्ध व साफ कपड़ा पहनकर भगवान विष्णु की विधिविधान से पूजा करें। भगवान् विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं, इसके बाद धूप- दीप से आरती करें और मिष्ठान्न व फलों का भोग लगाएं।

इस दिन विधिपूर्वक विष्णुजी की पूजा करें और फिर श्रद्धापूर्वक विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ भी करें। करीब 20 मिनट का यह पाठ विष्णुजी की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा माना गया है। संभव हो तो 40 दिनों तक रोज यह पाठ करें। इसके बाद आपको इसके चमत्कारिक परिणाम मिलना शुुरु हो जाएंगे।

एकादशी व्रत में इन बातों का रखें ध्यान
एकादशी पर पूजन करने के लिए दशमी तथा एकादशी तिथि के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। दशमी तिथि को पान नहीं खाना चाहिए। व्रत के दिन मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। जुआ नहीं खेलना चाहिए। एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को दिन में नहीं सोना चाहिए। झूठ नहीं बोलना चाहिए। दूसरों की निन्दा नहीं करनी चाहिए।

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Source: Religion and Spirituality