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ग्लेशियर पिघलने से निकला खतरनाक वायरस अलास्का पॉक्स, संक्रमण का अभी कोई इलाज नहीं

क्या है अलास्का पॉक्स? what is alaskapox virus

अलास्का पॉक्स एक वायरस है जो त्वचा में घाव पैदा कर सकता है। यह ऑर्थोपॉक्स वायरस के समूह में आता है, जो स्तनधारियों को प्रभावित करता है। इस वायरस की पहली पहचान 2015 में हुई थी, जब फेयरबैंक्स क्षेत्र में एक महिला में इसके लक्षण देखे गए। इसके बाद से, कुछ और मामले सामने आए, लेकिन अधिकांश में संक्रमण हल्का ही था। अधिकांश मामलों में उपचार की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि यह संक्रमण हल्का ही था। इस वायरस के बारे में अधिक जानकारी और संबंधित सुरक्षा के बारे में जागरूकता होना महत्वपूर्ण है।

अलास्का में एक घटना आई है, जिसमें ग्लेशियर पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से बाहर आए वायरस की वजह से एक इंसान की मौत हो गई। इस वायरस का नाम “अलास्का फेयरबैंक्स नॉर्थ स्टार बोरो पर्माफ्रॉस्ट” है। यह वायरस खोजा गया था जब एक इंसान को केनाई प्रायद्वीप में इससे संक्रमित होने की रिपोर्ट मिली। इस घटना ने वैज्ञानिकों को चेताया किया है कि पर्यावरणीय परिवर्तनों के कारण पर्यावरणीय खतरों का सामना करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इससे हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करने और सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत तो खतरा कम

अलास्का पॉक्स वायरस इंसानों में छोटे स्तनधारी जीवों के माध्यम से फैलता है, लेकिन इसका यह कि इंसान कैसे इससे संक्रमित होते हैं, अभी तक स्पष्ट नहीं है। 2021 तक की रिसर्च से इस बारे में पुष्टि नहीं हो पाई है। इस वायरस से प्रभावित एक और मरीज को हालात में संशय हो रहा है, लेकिन उसे इलाज की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उसकी इम्यून सिस्टम मजबूत है। हालांकि, जिस इंसान की मौत हुई, उसकी इम्यूनिटी बेहद कमजोर थी। यह घटना वैज्ञानिकों के लिए एक संदेश है कि संक्रमणों के खिलाफ निवारण और रोकथाम में सतर्क रहना जरूरी है।

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अलास्का पॉक्स से मौत का मामला सामने आया

अलास्का राज्य के केनाई प्रायद्वीप में एक व्यक्ति की अलास्का पॉक्स से मौत का मामला सामने आया है। इस घटना के अनुसार, जनवरी के अंत में इस वायरस से प्रभावित एक बुजुर्ग व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। यह अलास्का में इस बीमारी से हुई पहली मौत का मामला है, जिसने स्वास्थ्य अधिकारियों को चेताया है। इस घटना से पता चलता है कि संक्रमणों के खिलाफ सतर्क रहना और उपचार का समय पर आरंभ करना महत्वपूर्ण है।

अलास्कापॉक्स से मरने वाला व्यक्ति जंगलों में अकेले रहता था. वह बाहर भी कहीं घूमने नहीं गया. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह वायरस उसे उसकी पालतू बिल्ली से मिले होंगे. क्योंकि वह बिल्ली जंगल में छोटे स्तनधारी जीवों का शिकार करती थी. अगर बिल्ली ने उसे खंरोचा होगा तो वह संक्रमित हो गया होगा.

अलास्का पॉक्स के लक्षण:

– बुखार
– सिरदर्द
– मांसपेशियों में दर्द
– थकान
– त्वचा पर चकत्ते, जो आमतौर पर चेहरे और हाथों पर शुरू होते हैं और फिर शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाते हैं। चकत्ते लाल, उभरे हुए और खुजलीदार होते हैं।

अलास्का पॉक्स: लक्षण, बचाव और उपचार

अलास्का पॉक्स एक संक्रामक रोग है जो पॉक्स वायरस के कारण होता है। यह वायरस जंगली जानवरों, जैसे कि गिलहरी, खरगोश और लोमड़ी से मनुष्यों में फैलता है। अलास्का पॉक्स बहुत ही दुर्लभ रोग है, और यह आमतौर पर अलास्का और कनाडा के कुछ क्षेत्रों में ही पाया जाता है।

अलास्का पॉक्स से बचाव:

– जंगली जानवरों से संपर्क न करें, खासकर यदि वे बीमार दिखते हैं।
– मृत जानवरों को न छुएं।
– स्वच्छता रखें , जैसे कि बार-बार हाथ धोना।

अलास्का पॉक्स एक गंभीर बीमारी हो सकती है, खासकर नवजात शिशुओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में। यदि आपको लगता है कि आपको या आपके बच्चे को अलास्का पॉक्स हो सकता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।



Source: Health