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100 रुपए की गोली से होगा कैंसर का इलाज

मुंबई. मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) के वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज में बड़ी सफलता हासिल की है। वैज्ञानिकों ने 10 साल की मेहनत के बाद एक टैबलेट विकसित की है जो कैंसर के इलाज के दौरान की जाने वाली कीमो थेरेपी के दुष्प्रभावों को 50 फीसदी तक कम करेगी और दूसरी बार कैंसर होने से रोकेगी। खास बात है कि इसकी कीमत मात्र 100 रुपए होगी। टीआइएफआर ने फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी से टैबलेट को बेचने अनुमति मांगी है। इस अनुमति के बाद मई-जून में इसके बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।
टाटा मेमोरियल अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन और पूर्व निदेशक डॉ. राजेंद्र बडवे ने बताया कि शोध के लिए चूहों में मनुष्य के कैंसर सेल डाले गए थे। इससे उनमें कैंसर ट्यूमर का निर्माण हुआ। इसके बाद रेडिएशन थेरेपी, कीमो थेरेपी और सर्जरी के जरिए उनका इलाज किया गया। इस दौरान पाया गया कि कैंसर सेल्स मर जाती है तो वह बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है। इन्हें क्रोमेटिन कण कहा जाता है। ये कण खून के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच जाते हैं और स्वस्थ सेल को कैंसर सेल में बदल देते हैं। इससे फिर कैंसर होने की आशंका रहती है।

टैबलेट ने क्रोमेटिन कण को किया बेअसर
शोध के दौरान डॉक्टरों ने चूहों को रेसवेरेट्रॉल और कॉपर कंबाइंड प्रो-ऑक्सीडेंट टैबलेट दी। यह टैबलेट क्रोमेटिन कण के असर को रोकने में रफायदेमंद रही। डॉक्टरों का कहना है कि इससे साफ है कि टैबलेट कैंसर के उपचार में नई क्रांति ला सकती है। गौरतलब है कि अमरीका औरचीन के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं और 10 मरीजों में से करीब 5 की मौत हो जाती है।

कैंसर का सबसे सस्ता उपचार
डॉ. बडवे ने कहा कि 100 रुपए की टैबलेट कैंसर का अब तक का सबसे सस्ता इलाज होगा। यह कैंसर थेरेपी के साइडइफेक्ट 50 फीसदी तक कम करेगी वहीं कैंसर के दोबारा फैलने की संभावना को 30 फीसदी तक कम कर देंगी। उन्होंने कहा कि इसके जून-जुलाई तक उपलब्ध होने की संभावना है।



Source: disease-and-conditions

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