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World Diabetes Day: क्या और क्यों होती है डायबिटीज, किसे है ज्यादा खतरा

World diabetes Day 2019 in Hindi : डायबिटीज एक मैटबॉलिक संबंधित राेग है। शरीर में ब्लड ग्लूकाेज ( Blood Glucose ) जिसे ब्ल्ड शुगर ( Blood Sugar ) भी कहा जाता है, के ज्यादा हाेने पर यह राेग हाेता है। ब्लड ग्लूकोज शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है और हमारे द्वारा खाए गए भोजन से आता है। इंसुलिन ( Insulin ), एक हार्मोन जो अग्न्याशय ( Pancreas ) द्वारा बनाया जाता है, भोजन से ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है। कभी-कभी पर्याप्त इंसुलिन न बनने के कारण ग्लूकोज कोशिकाओं तक न पहुंचकर ब्लड में ही रह जाता हैं। लम्बे समय तक ब्लड में ग्लूकोज रहने से मधुमेह राेग हाे जाता है। जाेकि कर्इ स्वास्थ्य समस्याएं काे जन्म देता हैं। हर साल 14 नवम्बर काे लाेगाें में डायबिटिस के प्रति जागरूकता फैलाने व इसे राेकने के प्रभावी कदम उठाने के लिए विश्व डायबिटिस डे ( World Diabetes Day ) जिसे विश्व मधुमेह दिवस भी कहते हैं का आयाेजन किया जाता है।

मधुमेह के प्रकार ( Types of Diabetes )
मधुमेह के सबसे आम प्रकार टाइप 1, टाइप 2 और गर्भावधि मधुमेह हैं।

टाइप 1 डायबिटीज ( type 1 diabetes )
यदि आपको टाइप 1 मधुमेह है, तो आपका शरीर इंसुलिन नहीं बनाता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके अग्न्याशय ( pancreas ) में उन कोशिकाओं पर हमला करती है और नष्ट कर देती है जो इंसुलिन बनाती हैं। टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में देखा जाता है।टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को जीवित रहने के लिए हर दिन इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है।

मधुमेह प्रकार 2 ( type 2 diabetes )
यदि आपको टाइप 2 मधुमेह है, तो आपका शरीर इंसुलिन को अच्छी तरह से नहीं बनाता या उपयोग नहीं करता है। आप किसी भी उम्र में टाइप 2 मधुमेह के शिकार हाे सकते हैं।यहां तक कि बचपन के दौरान भी। हालांकि, इस प्रकार का मधुमेह ज्यादातर मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध लोगों में होता है। टाइप 2 मधुमेह का सबसे आम प्रकार है।

गर्भावधि मधुमेह ( Gestational Diabetes )
गर्भवती होने पर गर्भकालीन मधुमेह कुछ महिलाओं में विकसित होता है। ज्यादातर इस प्रकार का मधुमेह बच्चे के जन्म के बाद दूर हो जाता है। हालाँकि, यदि आपको गर्भकालीन मधुमेह था, तो आपको बाद में जीवन में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की अधिक संभावना है। कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान देखा गया मधुमेह वास्तव में टाइप 2 मधुमेह है।

अन्य प्रकार के मधुमेह ( Other Types of Diabetes )
कम सामान्य प्रकारों में मोनोजेनिक मधुमेह ( Monogenic Diabetes ) शामिल है, जो मधुमेह का एक विरासत ( Genetically ) में मिला हुआ रूप है, इसके अलावा सिस्टिक फाइब्रोसिस ( cystic fibrosis ) भी मधुमेह से संबंधित है।

डायबिटीज कितनी आम है? ( How common is diabetes )
पूरे विश्व में मधुमेह का फैलाव बढ़ रहा है। आज विश्व के 3 प्रतिशत से 12 प्रतिशत लोग या तो मधुमेह सी पीड़ित हैं अथवा उनके मधुमेह से पीड़ित हैं अथवा उनके मधुमेह से पीड़ित होने की संभवना है।विश्व स्वास्थय संगठन की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सन 2025 तक भारत दुनिया का डायबिटीक कैपिटल हो जाएगा। यानि उस वक्त तक डाइबिटीज के सबसे अधिक रोगी भारत में होंगे और उनकी संख्या यहाँ लगभग 5.7 करोड़ होगी। जहाँ तक देश की राजधानी दिल्ली का सवाल है तो यहाँ की कुल आबादी (लगभग 1.45 करोड़ ) के 12 फीसदी लोग डाइबिटीज के घोषित मरीज हैं।

“भारतीय मधुमेह संगठन” के अनुसार शहरी जीवन शैली में बदलाव, अधिक मसालेदार भोजन, कम व्यायम, बढ़ता तनाव, जेनेटिक तथा पर्यावरणीय कारणों से मधुमेह का खतरा 60% तक अधिक बढ़ जाता है । मधुमेह के रोगियों में अन्य रोगियों की तुलना में हृदयघात का तीन गुना अधिक हो जाता है ।

उपर्युक्त आंकड़े यह स्पष्ट संकेत करते हैं की मधुमेह एक गंभीर समस्या के रूप में उभर कर हमारे सामने आया है । एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग चार करोड़ भारतीय मधुमेह के साथ जी रहे हैं ।

टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की अधिक संभावना कौन है?
यदि आप 45 वर्ष या अधिक आयु के हैं, मधुमेह का पारिवारिक इतिहास है, या अधिक वजन वाले हैं तो आपको टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की अधिक संभावना है, । शारीरिक निष्क्रियता, भागमभाग, और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे उच्च रक्तचाप भी आपके टाइप 2 मधुमेह के विकास की संभावना को प्रभावित करते हैं। यदि आपके गर्भवती होने पर आपको पहले से मधुमेह हो या आपको गर्भकालीन मधुमेह हो, तो टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।

डायबिटीज के खतरे ( diabetes risk factors )
मधुमेह से ग्रस्त लोगों में दिल की बीमारी, आघात, गुर्दे की बीमारी, आँखों की समस्या, दंत रोग, नर्व डेमेज, पैरों की समस्या अादि राेग हाे सकते हैं।

मधुमेह के सबसे आम संकेतो में शामिल है ( diabetes symptoms ) :
– बहुत ज्यादा और बार बार प्यास लगना।
– बार बार पेशाब आना।
– लगातार भूख लगना।
– दृष्टी धुंधली होना।
– अकारण थकावट महसूस होना।
– अकारण वजन कम होना।
– घाव ठीक न होना या देर से ठीक होना।
– बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना।
– खुजली या त्वचा रोग।
– सिरदर्द।
– धुंधला दिखना।

कैसे करें बचाव ( How Prevent Diabetes )
हालाँकि मधुमेह का कोई इलाज नहीं है, फिर भी पाेषक युक्त डाइट, हेल्दी लाइफस्टाइल आैर वर्कआउट रूटीन के जरिए इसे कंट्राेल किया जा सकता है।

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Source: Health