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RBI UPI : अब कार्ड नहीं यूपीआइ से जमा करिए पैसे

rbi : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया। यानी होम और पर्सनल समेत दूसरे लोन न महंगे होंगे, न सस्ते। द्विमासिक मौद्रिक नीति में शुक्रवार को बड़ी घोषणा यह हुई है कि लोग अब यूपीआइ (यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए भी कैश डिपॉजिट मशीन से पैसे जमा कर सकेंगे।

तीन दिन चली चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कैशलेस डिपॉजिट की दिशा में केंद्रीय बैंक का यह दूसरा बड़ा प्रयास है। अभी कैशलेस डिपोजिट सिर्फ डेबिट कार्ड के जरिए होता है। दास ने कहा कि एटीएम में यूपीआइ का उपयोग कर कार्डलेस कैश निकासी के अनुभव को देखते हुए यूपीआइ के जरिए मशीन (सीडीएम) में पैसा जमा करने की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है।

यह कदम ग्राहकों के लिए चीजें सुगम और बैंकों में मुद्रा प्रबंधन प्रक्रिया को ज्यादा कुशल बनाएगा। आरबीआइ के मुताबिक नकदी जमा मशीनों से जहां ग्राहकों की सुविधा बढ़ी है, वहीं बैंक शाखाओं में नकदी जमा करने को लेकर दबाव कम हुआ है। यूपीआइ के जरिए नकदी जमा करने की सुविधा से उन लोगों को राहत मिलेगी, जो नकद रकम लेकर कैश डिपॉजिट मशीन पहुंचते हैं। उन्हें कैश कैरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अक्सर मशीन में सही नोट को भी एक्सेप्ट नहीं किया जाता। ऐसे में सही नोट का चयन करना बड़ी चुनौती होती है। यूपीआइ की सुविधा शुरू होने के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी।

 

ऐसे जमा होंगे पैसे…

1. एटीएम की स्क्रीन पर यूपीआइ/क्यूआर कोड का ऑप्शन दिया जाएगा। इसे स्कैन करने के बाद बैंक डिटेल दर्ज करनी होगी।
2. आपकी बैंकिंग डिटेल स्क्रीन पर नजर आएगी। आपसे डिटेल कंफर्म करने को कहा जाएगा।
3. कंफर्मेशन के बाद एटीएम मशीन में नकदी रखनी होगा। इसके बाद पूरा प्रोसेस वही होगा, जैसा कार्डलेस डिपॉजिट के दौरान किया जाता है।

महंगाई का हाथी लौट गया जंगल में : दास

आरबीआइ ने 2024-25 में महंगाई घटने का अनुमान जताया है। दास ने कहा, पहले महंगाई हाथी जैसी विशाल लग रही थी, लेकिन अब यह हाथी जंगल की ओर लौट गया है। जनवरी-फरवरी में महंगाई दर दिसम्बर की 5.7 फीसदी से कम होकर 5.1 फीसदी पर आ गई। अप्रेल-जून में प्रचंड गर्मी के मौसम विभाग के अनुमान पर उन्होंने कहा, सब्जियों की कीमतों पर नजर रखने की जरूरत है, जबकि गेहूं की उपलब्धता को लेकर ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है। देश की विकास दर 2023-2024 में सात फीसदी रहने का अनुमान है।



Source: Tech

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