19 साल की दिव्या देशमुख ने चेस विमेंस वर्ल्डकप जीता:भारत की ही कोनेरू हम्पी को रैपिड टाईब्रेक में हराया; देश की 88वीं ग्रैंडमास्टर बनीं
19 साल की दिव्या देशमुख ने चेस का FIDE महिला वर्ल्ड कप जीत लिया है। उन्होंने फाइनल में भारत की ही कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक राउंड में हराकर खिताब जीता। वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ वे भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गईं। टूर्नामेंट में दिव्या ने कई टॉप रैंक प्लेयर्स को हराया और फाइनल में जगह बनाई। हम्पी के खिलाफ फाइनल में दिव्या ने दोनों प्रमुख मुकाबले ड्रॉ खेले। जिसके बाद सोमवार को टाईब्रेक राउंड हुआ, जिसमें दिव्या ने बाजी मारी। टाई-ब्रेक राउंड का फॉर्मेट हम्पी ने सेमीफाइनल में टिंगजी लेई को हराया हम्पी ने सेमीफाइनल में टाईब्रेकर में चीन की टिंगजी लेई को हराकर फाइनल में जगह बनाई। टाईब्रेकर में पहली दो बाजियां 15-15 मिनट की थीं, जिसमें अतिरिक्त समय शामिल था। इसके बाद अगली दो बाजियां 10-10 मिनट की थीं। लेई ने पहली बाजी जीतकर बढ़त हासिल की, लेकिन हम्पी ने दूसरी बाजी में मुश्किल स्थिति से उबरते हुए जीत हासिल कर मुकाबला बराबर किया। टाईब्रेकर के तीसरे सेट में हम्पी ने सफेद मोहरों से पहली बाजी में शानदार प्रदर्शन करते हुए लेई को हराया। फाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें केवल एक ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन उन्होंने दूसरी बाजी भी जीतकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। इससे पहले दोनों क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे थे, जिसके बाद गुरुवार को टाईब्रेकर का आयोजन हुआ। दूसरे गेम में हम्पी के पास सफेद मोहरे थे, लेकिन वह लेई के मजबूत बचाव को भेद नहीं पाईं। दिव्या ने पूर्व वर्ल्ड चैंपियन को हराया दिव्या ने सेमीफाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंग्यी को 1.5-0.5 से हराया। 19 वर्षीय दिव्या ने पहले गेम में सफेद मोहरों से खेलते हुए 101 चालों में शानदार जीत हासिल की। उन्होंने मध्य गेम में लगातार दबाव बनाकर झोंग्यी को गलतियां करने पर मजबूर किया। क्वीन की अदला-बदली के बाद भी दिव्या की स्थिति मजबूत थी, हालांकि झोंग्यी ने एक समय वापसी की कोशिश की और बढ़त ले ली। लेकिन समय की कमी में झोंग्यी ने गलत चाल चली, जिसका फायदा उठाकर दिव्या दो प्यादों की बढ़त के साथ जीत हासिल करने में सफल रहीं। पहले गेम में काले मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने संतुलित रणनीति अपनाई और गेम ड्रॉ कराया। झोंग्यी ने ‘क्वीन्स गैम्बिट डिक्लाइन्ड’ ओपनिंग से शुरुआत की, जिसमें दिव्या ने मोहरों की अदला-बदली के साथ संतुलन बनाए रखा। अंत में दोनों के पास एक-एक रुक, एक-एक छोटा मोहरा (बिशप/नाइट), और तीन-तीन प्यादे एक ही हिस्से में थे, जिसके कारण गेम ड्रॉ रहा। भारत की चार महिला खिलाड़ियों ने बनाई थी क्वार्टर फाइनल में जगह
इस टूर्नामेंट में पहली बार भारत की चार महिला खिलाड़ियों कोनेरू हम्पी, हरिका द्रोणवल्ली, आर. वैशाली, और दिव्या देशमुख ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, जो भारतीय शतरंज के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। गुकेश पिछले साल बने थे वर्ल्ड चैंपियन
19 साल के भारतीय डोम्माराजू गुकेश भी पिछले साल ही मेंस में चेस के वर्ल्ड चैंपियन बने थे। जब उन्होंने 12 दिसंबर को चीन के डिंग लिरेन को हराकर महज 18 साल की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश ने इसके बाद नंबर-1 प्लेयर नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन को भी अलग-अलग टूर्नामेंट में 2 बार हराया। भारत चेस ओलिंपियाड का भी चैंपियन
भारत ने 23 सितंबर 2024 को चेस ओलिंपियाड का खिताब भी जीता था। देश की मेंस और विमेंस दोनों टीमों ने 45वें चेस ओलिंपियाड में चैंपियन बनकर इतिहास रचा था। मेंस टीम में देश से अर्जुन इरिगैसी, आर प्रागननंदा, डी गुकेश, विदित गुजराती और पी हरिकृष्णा थे। वहीं विमेंस टीम में हरिका द्रोणावली, आर. वैशाली, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, और तानिया सचदेव थे। __________________ स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें… ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज से चौथा टी-20 तीन विकेट से जीता:सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त; जम्पा के तीन विकेट, इंग्लिश-ग्रीन के अर्धशतकों से मिली जीत ऑस्ट्रेलिया ने चौथे टी-20 में वेस्टइंडीज को 3 विकेट से हराकर पांच मैचों की सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली। बासेटेरे में खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों जोश इंग्लिश और कैमरन ग्रीन की अर्धशतकीय पारियों ने टीम को जीत दिलाई। वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 205 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट खोकर 206 रन बनाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। पूरी खबर
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