इरफान पठान बोले-मेरी बॉलिंग की स्ट्रेंथ कभी कम नहीं हुई:मुझे पुरानी बॉल मिलने लगी थी, मेरी गेंद अब भी स्विंग होती है
भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने अपनी बॉलिंग की स्ट्रेंथ पर कहा कि मेरा रोल बदल दिया गया था, मेरी बॉलिंग की स्ट्रेंथ कभी कम नहीं हुई। पठान ने मंगलवार को एशिया कप से पहले सोनी स्पोर्ट्स के मीडिया-डे दौरान मीडिया से वर्चुअल बातचीत की। इस दौरान पठान ने अपने गेंदबाजी करियर और भूमिका को लेकर उठने वाले सवालों पर खुलकर जवाब दिया। उन्होंने दैनिक भास्कर के सवाल पर कहा, मेरी स्ट्रेंथ कभी कम नहीं हुई। मेरा रोल बदल दिया गया थी, यानी मुझे पुरानी बॉल दी जाने लगी। 2003-04 से 2006 तक मैंने नई गेंद से गेंदबाजी की। उसके बाद 2007 से मुझे लगातार नई गेंद नहीं मिलती थी। उन्होंने आगे कहा, जैसे विराट कोहली तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं, अगर उन्हें सातवें नंबर पर भेज दिया जाए तो उनकी क्षमता कम नहीं होगी, बल्कि उनकी भूमिका बदल जाएगी और उसके साथ ही आंकड़े भी बदलेंगे। यही बात गेंदबाजी में भी लागू होती है। पठान ने कहा, आज मैं 41 साल का हूं। भले ही मेरी स्पीड उतनी अच्छी नहीं है, लेकिन मेरी बॉल आज भी स्विंग करती है। 2012 में खेला था इंटरनेशनल मुकाबला
इरफान पठान ने 2012 में आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला (वनडे) खेला था, जिसमें उन्होंने पांच विकेट भी झटके थे। उन्होंने 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट से इंटरनेशनल डेब्यू किया था। इरफान ने शुरुआती दौर में दुनिया के कई दिग्गज बल्लेबाजों को अपने पेस और स्विंग से परेशान किया। टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले वह भारत के पहले तेज गेंदबाज बने थे। हालांकि, 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद इरफान भारतीय क्रिकेट में कम ही देखे जाने लगे। सीरीज के दौरान वर्कलोड पर चर्चा नहीं होनी चाहिए
पठान ने कहा, ‘जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम के लिए एक खजाना हैं। उनका सही ढंग से ख्याल रखना बहुत जरूरी है, लेकिन जैसे ही कोई सीरीज शुरू होती है, उस दौरान वर्कलोड मैनेजमेंट पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, ‘पैट कमिंस ने पहले ही अपने वर्कलोड को मैनेज करना शुरू कर दिया है। वह एशेज से पहले कुछ सीरीज में हिस्सा नहीं लेंगे। लेकिन जैसे ही एशेज शुरू होगी, तब सवाल यह होगा कि क्या कमिंस अब भी अपने वर्कलोड को मैनेज करेंगे या फिर सीरीज जीतने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे।
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