विटामिन 'बी' व 'डी' की कमी से मांसपेशियों में आती है जकड़न
Muscle cramps: जाेर से बात करते हुए या हंसते हुए अचानक गर्दन की मांसपेशी में अकड़न आ जाना, कुछ देर बाद ठीक हाेना, अक्सर कमर की मांसपेशी और पैरों की पिंडलियों में खिंचाव व अकड़न अाना आदि क्रैम्प की निशानी हाेती है। इस समस्या से बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी परेशान हाे सकते हैं। शरीर में क्रैम्प आने के कर्इ कारण हाे सकते हैं। आइए जानते हैं इसके प्रमुख कारणाें के बारे में :-
डिहाइड्रेशन :
शरीर में पानी की कमी समस्या की प्रमुख वजह है। कम पानी पीने व ज्यादा गर्मी में कार्य या मेहनत करने वालों की नसों में नमी की कमी खिंचाव पैदा करती है।
विटामिन की कमी :
शरीर में विटामिन ‘बी’ व ‘डी’ की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इस कारण चलने, बैठने व उठने के दौरान क्रैम्प होता है।
कमजोर लीवर :
शरीर में असंतुलित तरल का विभाजन न होने से क्रैम्प आते हैं जैसे लीवर के क्षतिग्रस्त होने पर पेट में पानी भरता है व मांसपेशी में पानी की कमी से क्रैम्प आने लगते हैं।
कैल्शियम का अभाव :
कैल्शियम या मैग्नीशियम की कमी नसों और मांसपेशियों को उत्तेजित करती है जो क्रैम्प का प्रमुख कारण है। ऐसा अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान, बार-बार उल्टियां होने या विटामिन-डी की कमी से होता है।
कम मात्रा में पोटेशियम :
रक्त में पोटेशियम की कमी से भी मांसपेशियों में कै्रम्प आते हैं। यूरिन संबंधी दिक्कत व मधुमेह रोगियों में दवाओं के कारण पोटेशियम की कमी हो जाती है जिससे परेशानी बढ़ती है।
दवाएं भी एक वजह
कई दवाएं क्रैम्प का कारण होती हैं। इनमें यूरिन में समस्या की दवा, अल्जाइमर, ओस्टियोपोरोसिस, पार्किन्सन, ब्लड प्रेशर और अस्थमा के इलाज के लिए ली जाने वाली दवा खास हैं।
हृदय की कमजोरी
हृदय की कमजोरी के कारण मसल्स को सही मात्रा में रक्तनहीं मिलता।
बचाव और उपचार
– स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें, रोजाना सुबह उठकर जैसे कि सभी पशु भी करते हैं।
– ज्यादा मात्रा में पानी पीएं ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या न हो सके।
– लीवर की समस्या हो तो उपचार लें ताकि असंतुलित तरल के विभाजन को रोक सकें।
– कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर भोजन लें जैसे- कैला, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंकुरित अनाज आदि।
विटामिन ‘ई’ से भरपूर आहार लेने से भी क्रैम्प में कमी आती है।
– यदि आप क्रैम्प कम करने की दवा लेते हैं तो उसे छोड़ने या बदलने की कोशिश करें। धूप स्नान (सन बाथ) करें ताकि विटामिन ‘डी’ की कमी न रहे।
– हृदय की कमजोरी दूर करने के लिए अश्वगंधा, पीपल के पत्ते व शहद आदि लें।
Source: Health