अलसी, अंजीर, केला खाने से पैरों में ऐंठन से मिलता आराम
15-20 मिनट नियमित रूप से वॉक करने से पैरों में रक्तसंचार बेहतर बना रहता है।
खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी और शारीरिक गतिविधियों के अभाव से शरीर के अंदरूनी अंग धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं। पैरों में ऐंठन की समस्या ऐसी है जो न केवल महिलाओं बल्कि पुरुषों को भी परेशान करती है। रात में सोते समय एकदम से पैरों की नसों में खिंचाव होने लगता है। असल में यह कोई बीमारी नहीं बल्कि किसी रोग का एक लक्षण है। तुलनात्मक रूप से मांसपेशियां मोटी होने से पैरों में ऐसा ज्यादा होता है। जानें इलाज-
कई हैं कारण
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट (विद्युतीय तरंगों के तत्व) व न्यूरोकैमिकल्स का असंतुलन, नसों की कमजोरी (न्यूरोपैथी), न्यूरोलॉजिकल विकार, पोषक तत्वों की कमी विशेषकर विटामिन-डी व बी 12 और अधिक उम्र में नसों व मांसपेशियों की कमजोरी मुख्य कारण हैं। कई बार थायरॉइड, डायबिटीज, अंत:स्त्रावी गं्रथियों से जुड़ी कोई समस्या, हृदय रोग और कैंसर के इलाज के लिए ली जाने वाली दवाओं को नियमित लेने से जो दुष्प्रभाव शरीर को पहुंचता है उसमें से ऐंठन एक लक्षण के रूप में उभरता है। फाइब्रोमाइलजिया रोग के कारण भी शरीर के विभिन्न अंग में ऐंठन होती है।
रात में ही क्यों…
व्यस्त दिनचर्या से समस्या पर ध्यान न जाने और शरीर की लगातार गतिविधियां होने से कमजोरी का अंदाजा नहीं लगता है। ऐसे में रात को आराम करने के दौरान इसपर ध्यान जाता है।
डाइट पर ध्यान दें
खानपान में विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, ओमेगा-थ्री फैटी एसिड युक्त चीजें खाएं। जैसे बादाम, अलसी, अंजीर, केला, अखरोट, सोयाबीन प्रमुख रूप से डाइट में शामिल करें।
गर्म पानी से सिकाई करें
यदि समस्या बार-बार या लगातार हो तो इसे नजरअंदाज न करें। तत्काल डॉक्टर को दिखाएं और कारण को जानने के बाद सबसे पहले उसका इलाज किया जाता है जिससे इस तरह के लक्षण में कमी आती है। मरीज को वॉक नियमित रूप से करनी चाहिए ताकि पैरों में रक्तसंचार सामान्य बना रहे। शरीर में पानी की कमी भी न होने दें। लवण और पानी की कमी से भी यह समस्या हो सकती है। अगर समस्या हुई है तो तुरंत राहत के लिए जब भी पैरों में ऐंठन हो तो सहने योग्य गर्म पानी से प्रभावित हिस्से की सिकाई फायदेमंद हो सकती है।
एक्सपर्ट : डॉ. गौरव शर्मा, पेन एंड पेलिएटिव स्पेशलिस्ट, एसएमएस अस्पताल, जयपुर
Source: Health