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जानिए क्यों होती है बालतोड़ की समस्या

बालतोड़ की समस्या मधुमेह, किडनी के मरीजों, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में होती है। मोटापाग्रस्त लोगों को बालतोड़ बार-बार होता है।

यदि त्वचा लाल हो गई है और उसमें दर्दनाक गांठ बन गई है। यह चार से सात दिनों के बाद सफेद होने लगती है व इसमें मवाद भर जाता है तो ये बालतोड़ (लोमपाक) हो सकता है। बालतोड़ त्वचा के संक्रमण का ही एक प्रकार है। ये स्टैफिलोकॉकस ऑरियस जीवाणु के कारण होता है। यह ज्यादातर चेहरे, गर्दन, बगल, कंधे और कूल्हे पर होते हैं। जहां-जहां पर बाल होते हैं ये वहीं पर होता है। बारिश, गर्मी में यह समस्या ज्यादा होती है। बिना डॉक्टर की सलाह पर कोई भी क्रीम व दवा न लगाएं।

इनका रखें ध्यान – अत्याधिक साबुन के प्रयोग से त्वचा को नुकसान हो सकता है। कॉस्मेटिक के प्रयोग से बचना चाहिए। आरामदायक कपड़े पहनें। पानी खूब पीएं। विटामिन सी युक्त फल खाएं। बालतोड़ के लिए एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। यदि मवाद ज्यादा पड़ गई है तो सर्जरी भी की जा सकती है।



Source: Health