इन सवालों के जवाब से जानिए क्या आपके तन और मन के बीच असंतुलन है ?
तन और मन की लय जब तक प्रकृति की ताल के साथ संतुलन में रहती है तभी तक हम स्वस्थ बने रह सकते हैं। जैसे ही यह संतुलन बिगड़ता है, परेशानियां शुरू हो जाती है। आपके साथ भी ऐसा है तो, नीचे सवालों के जवाब दीजिए और पता कर लीजिए कि आपका मन एक दिशा में और तन दूसरी दिशा में तो नहीं।
1. मन और तन के गहरे संबंध को आप कोरा, किताबी या बोझिल ज्ञान सा समझते हैं ?
अ.हां, इस बारे में किताबों में ही पढ़ा है।
ब.नहीं, ऐसा नहीं है।
स.पता नहीं।
2. शरीर के लक्षणों को आप मन के बहाने बनाकर उसकी अनसुनी करते हैं ?
अ.हां, कई बार ऐसा होता है।
ब.नहीं, मैं शरीर की पहले सुनता हूं।
स.कभी-कभी करना पड़ती है।
3.अक्सर कोई विशेष कार्य करते समय आपके मन में हमेशा दोहरे व उलझन भरे विचार होते हैं ?
अ. हां, आशंका-डर सताते हैं।
ब. मैं संतुलित और सही विचार रखता हूं।
स. मैंने कभी परखा नहीं।
4. सेहत से जुड़ी किसी भी नई परेशानी सामने आने पर आप उसके काल्पनिक कारण खोजते हैं ?
अ. मेरे कारण अक्सर सही नहीं होते।
ब. नहीं, मुझे लगता है कि यह काम डॉक्टर का है।
स . कभी-कभी ऐसा हो जाता है।
5. चंचल मन आपके सुस्त शरीर पर भारी पड़ता है और आप असफल होकर निराश होते हैं?
अ. हां, बढ़ती उम्र में ऐसा हो रहा है।
ब. नहीं, ऐसा नहीं है और मैं हमेशा विफल भी नहीं होता/होती।
ष. मन हमेशा भारी पड़ता है।
6. मन को काबू में करने के चक्कर में आप तन को भूल जाते हैं और दोनों उल्टी दिशा में भागते हैं ?
अ. हां, अक्सर जिम्मेदारियां के कारण तन का ध्यान ही नहीं रहता।
ब. नहीं, मैं दोनों को जगाए रखने की कोशिश करता/करती हूं।
स. कभी-कभी ऐसा लगता है।
7. तन-मन को साधना आसान नहीं और इसलिए आप कोशिश भी नहीं करते ?
स. हां, कई बार करने पर निराशा ही हाथ लगी है।
ब. मैं हमेशा कोशिश करता/करती हूं।
स. यह सब कुछ मौके और समय पर निर्भर करता है।
स्कोर और एनालिसिस –
1. अगर आपने 5 (अ) या उससे ज्यादा स्कोर बनाया है तो कहना होगा कि आपका तन और मन दोनों एक-दूसरे के विपरीत जा रहे हैं। तन और सेहत को पहले रखें और मनोरंजन को बाद में तो मन काबू में जरूर आ जाएगा।
2. स्कोर 5 (ब) या उससे ज्यादा है तो आपने जीवन में तन-मन का अच्छा संतुलन बनाया हुआ है। इसी वजह से आपको सफलता मिलती है। अच्छी आदतों से तन को ताकत दें, आपके मन को भी शक्ति मिलती रहेगी।
3. आपने 5 या उससे ज्यादा (स) पाए हैं तो कहना होगा कि आप तन और मन के बीच में फंसे हैं। आपके विचारों में गड़बड़ है और सोच उलझन से भरी। मन अति चंचल है तो आपकी आदतें उसे बढ़ावा दे रही है। आपको संयम और अनुशासन को साथी बनाना होगा। आगे की सुध लेने के लिए तन को समर्पित करते हुए छोटे प्रयास आज से करना शुरू कीजिए।
Source: Health