fbpx

डिश वॉशर डिटर्जेंट, टॉयलेट क्लीनर, मच्छर कॉइल, एयर फ्रेशनर व बग स्प्रे आपको बना रहे बीमार

कुछ शोध-अध्ययनों के मुताबिक मच्छर भगाने के लिए जलाई जाने वाली एक ‘मच्छर कॉइल’ से उतना ही धुआं निकलता है, जितना 137 सिगरेट जलाने से। यानी मच्छर भगाने के प्रयास में इंसान अपने फेफड़ों को धुएं से भर सकता है। आप खुद तय कीजिए कि आप अपने घर में कितने सुरक्षित हैं?

एक्सपर्ट बताते हैं कि बच्चों के लिए मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल में ली जाने वाली जैसी चीजें काफी खतरनाक हैं। छोटे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उन्हें इन चीजों से ज्यादा नुकसान होता है। कुछ शोध में यह भी सामने आया है कि मच्छर मारने वाली कॉइल के इस्तेमाल से बच्चों के मानसिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। दरअसल, सुविधापूर्ण जीवन की जरूरत बनते जा रहे घरेलू उत्पाद हमारे घर को दिखने में साफ तो बना रहे हैं, लेकिन सेहत के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि इनसे होने वाले नुकसान को लेकर ज्यादातर उपभोक्ता अनजान हैं। लोग आराम पसंद जिंदगी के चलते ऐसी वस्तुओं को तरजीह दे रहे हैं।

यह भी जानिए…
डिश वॉशर डिटर्जेंट यानी बर्तन धोने वाले सर्फ में फॉस्फोरस मिला होता है। इससे त्वचा में जलन और खुजली महसूस हो सकती है।
कार्पेट क्लीनर में डाइक्लीनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला परक्लोरिथाइलिन होता है। इससे लीवर, किडनी और नर्वस सिस्टम को खतरा है।
पौधों से भगाएं मच्छर –
मच्छरों को दूर करने के लिए घर में तुलसी, गेंदा, रोजमेरी और लौंग के पौधे लगाने चाहिए। इनकी गंध मच्छरों को नहीं सुहाती। जानकारों के मुताबिक विडालपर्णास के पौधे में तो मच्छरों को भगाने वाले मच्छर कॉइल और स्प्रे से कहीं ज्यादा कैमिकल होता है, लेकिन यह मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायी नहीं है।

इनसे भी है खतरा…
टॉयलेट क्लीनर –
बाथरूम, टॉयलेट, बाथटब या टाइल्स को साफ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले क्लीनर्स में हाईड्रोक्लोरिक और सल्फर एसिड के साथ कॉस्मेटिक केमिकल व मोनोइथानोलामाइन का उपयोग किया जाता है। ये रसायन अस्थमा को बढ़ावा देने वाले हैं। इसके अलावा इनसे लीवर को भी खतरा हो सकता है।

एयर फ्रेशनर –
घर को महकाने वाले रूम फ्रेशनर में फॉर्मल्डिहाइड मिला रहता है, जो एक रंगहीन और तीव्र गंध वाली गैस बनाता है। इससे त्वचा सम्बन्धी बीमारियों के अलावा श्लेष्मा झिल्ली (म्यूकस मेम्बरेन) जलन व एलर्जी की आशंका बनी रहती है। कई लोगों को इसके इस्तेमाल से सिर-दर्द या चक्कर की शिकायत भी रहती है।

बग स्प्रे –
कीड़े-मकोड़ों को भगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर बग-स्प्रे में हानिकारक ‘डीट’ होता है। इनमें रासायनिक गैसें भी होती हैं। लम्बे समय तक इनके सम्पर्क में रहने से श्वास लेने में परेशानी, बेहोशी या उल्टी सहित कुछ जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं। हानिकारक रसायनों के कारण ही गर्भवती महिलाओं को इसकी गंध से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

इन्हें अपनाइए…
टॉयलेट को शुद्ध सिरके से साफ किया जा सकता है। टाइल्स साफ करने के लिए वॉशिंग सोडा या बोरॉक्स का उपयोग सुरक्षित है।
घर की हवा शुद्ध रखने के लिए खिड़कियों और दरवाजों को खुला रख सकते हैं। कुछ प्राकृतिक तेल और फूलों से भी घर को महकाया जा सकता है। कार्पेट पर लगे फ्रूट ज्यूस या वाइन के दाग को नमक से साफ किया जा सकता है। हल्के दाग हटाने में सोडा इस्तेमाल करें।



Source: Health