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14 महीने बाद मध्यप्रदेश में 'सब्र' का 'समय' खत्म

भोपाल/ कर्नाटक की तरह मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस सरकार की लाइफ चौदह महीने की ही थी। सरकार जब से बनी थी, उसके बाद से ही खींचतान जारी थी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद सिंधिया ही सीएम बनना चाहते थे। उनके समर्थकों की मांग भी यहीं थी, महाराज की ताजपोशी हो। आलाकमान ने कमलनाथ को सीएम बनाने का फैसला किया था।

कमलनाथ के नाम के ऐलान के बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक तस्वीर ट्वीट की थी। इस तस्वीर में राहुल गांधी के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ थे। कमलनाथ के चेहरे पर उस समय खुशी देखने लायक थी लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया का बॉडी लैंग्वेज बता रहा था कि थोड़े दिन सब्र रखो। देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि इस फैसले से ज्योतिरादित्य सिंधिया खुश नहीं हैं।




सिंधिया ने ही दिलाई सत्ता
सिंधिया के समर्थक कहते हैं कि मध्यप्रदेश में सभी लोग जानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की वापसी किसकी वजह से हुई है। उसके बाद भी उनकी उपेक्षा हो रही थी। कुछ दिन पहले सिंधिया खेमे के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी कहा था कि सिंधिया की अगर इसी तरह अनदेखी हुई तो कांग्रेस की सरकार पर घने कोहरे बादल छाएंगे। जिसे हटाना मुश्किल होगा।



Source: Education