World Happiness day: प्रसन्न रहने से मिलती है अच्छी सेहत और लंबी आयु
भागदौड़ और प्रतिस्पर्धा भरे जीवन में अधिकतर लोग हंसना यानी प्रसन्न रहना भूलते जा रहे हैं। तनाव व व्यस्तता से समाज में दूरी बढ़ती जा रही है। अगर वजहों की बात करें तो पहले की तुलना में अब लोग एक दूसरे के पास नहीं बैठते हैं। अपना सुख-दुख एक दूसरे साझा नहीं करते हैं। हैल्थ एक्सपर्ट की मानें तो रोजाना हंसने से सेहत तो अच्छी रहती ही है शरीर में एनर्जी भी बनी रहती है। रोजाना करीब 10 मिनट हंसने से शरीर की इम्युनिटी के साथ उम्र भी बढ़ती है। इस वर्ष वल्र्ड हैप्पीनेस डे की थीम ‘हैप्पीनेस फॉर ऑल, फॉरएवर’ है।
हंसने से 100 से अधिक मांसपेशियों को लाभ
हंसने से शरीर की 100 से अधिक मांसपेशियों और श्वसन तंत्र पर सकारात्मक असर होता है। यह भी एक व्यायाम है। हास्य योग का अच्छा प्रभाव हृदय पर भी होता है। यह तनाव, निम्न रक्त व उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसे रोगों में लाभ पहुंचाता है। ब्लड फ्लो सही रहने से शरीर की कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है। हंसते-हंसते आंखों से आंसू निकलने से आंखों की सफाई होती है। हंसने से अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न होती है जिससे मोटापा घटता है। साथ ही तनाव को बढ़ाने वाला स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर घटता है। मेटाबोलिज्म में भी सुधार होता है।
क्या कहता है आयुर्वेद
आचार्य चरक के अनुसार आत्मा, इन्द्रियां और मन प्रसन्न होता है तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है। अधिकतर बीमारियों से बचाव होता है। आचार्य चक्रपाणि ने क्रोध, शोक, चिंता आदि का उपचार हास्य योग को बताया है। उनके अनुसार हंसमुख मिजाज, खुले विचारों वाले मिलनसार व्यक्तिको क्रोध कम आता और ईष्र्या, द्वेष मन में नहीं होते हैं। ऐसा व्यक्तिशोक और चिंता की स्थिति में सहजता से उबर जाता है। प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति का मनोबल अच्छा, सकारात्मक सोच बढ़ती है। हंसी बनावटी हो सकती लेकिन प्रसन्नता नहीं।
इससे बढ़ती है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
हंसने और प्रसन्न रहने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है। फेफड़ों से जुड़े रोगों से बचाव होता है। हंसने से पसीना भी अधिक आता है, जिससे शरीर से टॉक्सिक तत्व बाहर निकलते हैं। नीरसता, एकाकीपन, थकान, मानसिक तनाव और शारीरिक दर्द में भी राहत मिलती है। इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है जो व्यक्ति खुलकर हंसता है तो उसकी आयु में बढ़ोत्तरी होती है। इसके लिए रोजाना करीब 10 मिनट हंसना चाहिए। साथ ही अपनी रुचि के अनुसार काम करें ताकि प्रसन्न रह सकें।
Source: Health