क्या बीते सालों में सामने आईं वायरस जनित महामारियां-प्रकोप फिर से सामने आ सकते हैं?
बीते 30 सालों के दौरान महामारियों की सालाना संख्या लगभग तीन गुना हो गई है। वहीं बीते 15 सालों में जीका, मर्स-सीओवी, सार्स, तपेदिक, टीबी, एचआइवी-एड्स, इन्फ्लूएंजा और इबोला जैसी महामारियों के प्रकोप ने विभिन्न देशों में सैकड़ों लोगों की जान ले ली। एक शोध के अनुसार ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अब इंसान एक-दूसरे से पहले से ज्यादा सपंर्क में रहने लगे हैं। जानवरों से भी हमारी नजदीकियां बीते सालों में बढ़ी हैं जो कि लगभग तीन-चौथाई नए संक्रामक रोगों के लिए जिम्मेदार हैं।
मानव इतिहास में इस सदी में मानव पहले से ज्यादा दुनिया के अलग-अलग देशों में सफर कर रहा है जिससे वायरस को पलने के लिए नए शरीर, वातावरण और अलग-अलग प्रतिरक्षा प्रणाली वाली आबादी मिल रही है। वहीं जलवायु परिवर्तन भी वायरस के प्रसार का एक बड़ा कारण है। क्योंकि गर्म तापमान वायरस हमारे पारिस्थितिकी संतुलन को बाधित कर मच्छरों एवं अन्य बीमारी फैलाने वाली प्रजातियों के आवासों का विस्तार करते हैं। कोरोना वायरस ने हमें बता दिया है कि शारीरिक रूप से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से ढलती जा रही है।
Source: Health