एक सदी पुरानी इलाज की प्रणाली कोरोना के इलाज में प्रयोग !
ऑस्ट्रेलिया के चिकित्सक इन दिनों तपेदिक की बीमारी में उपयोग होने वाले टीके का इस्तेमाल कोरोनावायरस के रोगियों पर कर रहे हैं। मेलबोर्न में चिकित्सक इस प्रयोग से यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या यह कोरोनावायरस के खिलाफ उनकी रक्षा कर सकेगा। बेसिलस कैलमेट-गुएरिन या बीसीजी शॉट बीते लगभग 100 वर्षों से व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। न केवल प्रारंभिक चरण के मूत्राशय के कैंसर के लिए यह एक सामान्य इम्यूनोथेरेपी है बल्कि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि कोविड-19 कोविद वायरस के खिलाफ यह बीसीजी वैक्सीन टीका कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों में रोग को कम कर सकता है। इसलिए वह भी सहयोग करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समूहों को प्रोत्साहित कर रहा है। मेलबोर्न में मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट में संक्रामक रोगों के अनुसंधान के प्रमुख निगेल कर्टिस के नेतृत्व में 6 महीने तक 4 हजार रोगियों पर हुए एक अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि यह टीका रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर मौसमी इन्फ्लूएंजा और टीबीए या फ्लू शॉट के खिलाफ वायरस से लडऩे में मदद करता है। वहीं नीदरलैंड में भी ऐसा ही शोध चल रहा है।
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Source: Health