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तेलंगाना से श्रमिक ट्रेन से आए मप्र के 30 जिलों के 1160 मजदूर

विदिशा। लॉकडाउन में तेलंगाना मेंं फंसे प्रदेश के ३० जिलों के ११६० मजदूरों को लेकर श्रमिक ट्रेन शनिवार की शाम करीब पौने पांच बजे विदिशा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर आई, तो उनकी अगवानी के लिए कुरवाई विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष सहित कलेक्टर, एसपी और तमाम प्रशासनिक अमला मौजूद था।

टे्रन पहले दोपहर ढाई बजे आना थी। लेकिन ढाई बजे यह ट्रेन इटारसी से ही चली। इस प्रकार ट्रेन करीब सवा दो घंटे देरी से विदिशा रेलवे स्टेशन पर आई। कलेक्टर डॉ. पंकज जैन, एसपी विनायक वर्मा सुबह से ही यहां व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे। ट्रेन आने के पूर्व पूरा रेलवे स्टेशन सैनेटाइज करवाया गया। ट्रेन जैसे ही दूर से आते दिखी तो पुलिस और प्रशासनिक अमला स्टेशन पर पूरी तरह मुस्तैद नजर आया। प्रत्येक बोगी के सामने एक-एक पुलिसकर्मी के साथ ही एक-एक वालेंटियर्स की ड्यूटी लगी हुई थी।

सबसे पहले उतरे भिंड जिले के मजदूर
जैसे ही ट्रेन रूकी तो सबसे पहले माईक से अनाउसमेंट कर भिंड जिले के श्रमिकों को बोगी से नीचे उतरने के लिए कहा गया। एक-एक कर भिंड जिले के मजदूर बोगी से उतरे। उसके बाद स्टेशन पर बैरीकेट्स लगे हुए थे। जहां मौजूद तमाम पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अमला सोशल डिस्टेंस के साथ एक-एक गोले पर एक-एक व्यक्ति को जाने दे रहे थे। जैसे ही गेट तक एक-एक मजदूर पहुंचता तो सबसे पहले उनके हाथ सैनेटाइज किए जाते। इसके बाद उनकी स्क्रीनिकंग होती। इसके बाद आखिरी गेट से बाहर होते समय उन्हें भोजन के पैकेट आदि वितरित किए जाते। इसके बाद एक-एक कर बसों में बिठाया गया और फिर सबसे पहले भिंड जिले के लोगों को लेकर बसें रवाना हुईं। फिर अन्य जिलों का नम्बर आया।

विधायक-नपाध्यक्षा ने किए भोजन पैकेट वितरित
प्लेटफार्म एक की तरफ से सभी बाहर जा रहे थे। मुख्य गेट से बाहर होते ही बाहर परिसर में भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह जादौन, कुरवाई विधायक हरिसिंह सप्रे, नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन, व्यापार महासंघ अध्यक्ष राजेश जैन मौजूद थे, जो प्रत्येक मजदूर को भोजन के पैकेट, फल और बच्चों को बिस्किट के पैकेट वितरित कर रहे थे।

कलेक्टर-एसपी करते रहे मुआयना
इस दौरान कलेक्टर और एसपी पूरे समय रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे और व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे और संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहे। इस दौरान एसडीएम सहित तहसीलदार सरोज अग्निवंशी, डिप्टी कलेक्टर लोकेंद्र सरल, रेलवे स्टेशन मास्टर आरके श्रीवास्तव आदि अधिकारी मौजूद रहे। वहीं सीएसपी सहित कोतवाली टीआई, जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों सहित पुलिसकर्मी तैनात नजर आए, जो व्यवस्थाओं को बनवा रहे थे।

विदिशा के आए ७९ मजदूर
इस ट्रेन में विदिशा जिले के ७९ मजदूर भी आए। इसी प्रकार अनूपपुर के १५३, अशोकनगर के आठ, बरबानी के एक, बैतूल के १०४, भिंड के १२२, छतरपुर के ९९, दमोह के ३४, दतिया के ८८, देवास के नौ, धार के एक, गुना के आठ, ग्वालियर के ६२, हरदा के छह, होशंगाबाद के पांच, झाबुआ के 20, कटनी के 21, मंदसौर के एक, मुरैना के 44, निवाजी के पांच, पन्ना के १४०, रायसेन के 11, राजगढ़ के छह, रतलाम के 13, सागर के 41, सीहोर के तीन, शाजापुर के चार, श्योपुर के आठ, शिवपुर के आठ, टीकमगढ़ के ५६ मजदूर शामिल हैं। इस प्रकार कुल ११६० मजदूर इस श्रमिक ट्रेन से आए। सभी को बसों से अपने-अपने जिले के लिए रवाना किया गया।

चावल खाकर बिताया समय
सिरोंज के हरूखेड़ी निवासी कक्कू अहिरवार ने बताया कि वे हैदराबाद में जिस फैक्ट्री में काम करते थे, लॉकडाउन से काम बंद हो गया था। कंपनी की तरफ से सिर्फ चावल मिलते थे, जिन्हें बनाकर खाते थे। कंपनी के परिसर में ही रूके हुए थे। आठ माह बाद वापस घर आ रहे हैं। इसी प्रकार सिरोंज निवासी रामकृष्ण ने बताया कि वे भी हैदराबाद में एक फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन में शुरुआत में कंपनी से सिर्फ पांच किलो चावल और तीन किग्रा आटा मिला था। जो जल्द खत्म हो जाने पर महंगे दामों पर कैंटीन से ही चावल खरीदकर खाना पड़ते थे। तेलंगाना में रंगारोडी में काम करने वाले सिरोंज के परसौरा निवासी उधमसिंह ने बताया कि वे छह माह बाद वापस घर आ रहे हैं। लॉकडाउन में वहां सबसे ज्यादा दिक्कत दो वक्त के भोजन की थी। ज्यादातर समय सिर्फ सूखे चावल खाकर निकालना पड़ा।

यातायात पुलिस ने करवाई सड़क खाली
ट्रेन आने के करीब २० मिनट पूर्व ही यातायात थाना प्रभारी आशीष राय रेलवे स्टेशन से अस्पताम मार्ग की व्यवस्थाएं करवाते नजर आए। इस मार्ग पर खड़ीं सभी दो पहिया और चार पहिया वाहनों को बसों की आवाजाही के लिए हटवाया गया।


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Source: Education