fbpx

Depression : अवसाद लाइलाज नहीं, जानिए इसके लक्षण और उपाय

जयपुर. हाल ही फिल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के पीछे अवसाद बड़ा कारण सामने आया है। डिप्रेशन या अवसाद ऐसी मनोदशा है, जिसका हर व्यक्ति को कभी न कभी सामना करना पड़ता है। किसी को ज्यादा तो किसी को कम। लॉकडाउन के दौरान डिप्रेशन के मामले सबसे अधिक सामने आए। वैसे तो यह परिस्थितिजन्य समस्या है, लेकन चिकित्सीय कारणों से भी डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। लोग डिप्रेशन को कई बार सुनते हैं, लेकिन समझ नहीं पाते। डिप्रेशन युवाओं में ज्यादा देखा जाता है। आइए जानते हैं, क्या है डिप्रेशन, किन कारणों से होता है और इसके लक्षण क्या हैं?

अवसाद (डिप्रेशन) क्या है? (What is depression)
अवसाद ऐसी मनोदशा है, जिसमें व्यक्ति खुद को हालातों के हवाले कर देता है। उससे निकलना भी चाहे तो रास्ते मुश्किल नजर आते हैं। आमतौर पर डिप्रेशन के शिकार वे लोग अधिक होते हैं, जिनके जीवन में एकाएक कोई बड़ा हादसा या अप्रत्याशित वाकया होता है। या कई बार लंबी या असाध्य बीमारी के कारण भी डिप्रेशन हो जाता है। डिप्रेशन के चलते शरीर में हार्मोनल चेंज आने लगते हैं। जिससे पीडि़त चाहकर भी खुश नहीं रह पाता।

इन लक्षणों से भी हो सकता है ब्लड शुगर, जानिए कैसे करें बचाव

डिप्रेशन के लक्षण (symptoms of depression )
डिप्रेशन का सबसे बड़ा लक्षण व्यक्ति एकांतपसंद हो जाता है। परिवार और समाज से अलग-थलग रहने लगता है। उदासी और निराशा बनी रहती है। प्रसन्नता के पलों में भी कष्ट ढूंढ लेता है। सिरदर्द बना रहता है और हमेशा एक अनजान से भय बना रहता है। अनिष्ट की आशंका सताने लगती है।

क्या हैं अवसाद के कारण (What are the causes of depression)
सबसे बड़ी वजह परिवार से जुड़ी है। संबंधों में अलगाव या टूटना। माता-पिता या किसी सगे संबंधी की मौत। पढ़ाई में आशाजनक सफलता नहीं मिलना या पढ़ाई के बाद भी रोजगार नहीं मिलना। कर्ज में डूबना या भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंता।

कोरोना से बचना है तो टीके का इंतजार छोड़ो, इन चीजों को डाइट में करो शामिल

डिप्रेशन से निकलने के उपाय (Ways to get out of depression)
अकेलेपन से बचें। अपनों से और मित्रों से बातचीत करें। खुलकर हंसें। नकारात्मक विचार मन में नहीं आने दें। योग और ध्यान और व्यायाम करें। नींद पूरी लें। सुबह खुली हवा में टहलें, आसपास या घर में बगीचा हो तो वहां जाएं और पेड़-पौधे और फूलों को निहारें। अंधेरे में बैठने की बजाय रोशनी में बैठें। किसी अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श लें।



Source: Health