मरीज से उसके सपने के बारे में भी पूछते हैं, फिर तय करते दवा
रोगी की जीवनशैली अहम है
रात को सोते वक्त डरावने सपने आना, सोते-साते चीखने लगना, सोते हुए हंसने समेत अन्य सपने जिसे लेकर व्यक्ति बहुत उत्साहित या डरा हुआ महसूस करता है। रोगी जब चिकित्सक के पास जाएगा और बताएगा की रात के समय उसे इस तरह के सपने आ रहे हैं तो उस आधार पर बीमारी और लक्षणों की गंभीरता का पता लगाकर दवा दी जाती है। एक जैसे सपने दो लोगों को आते हैं फिर भी दोनों की दवा अलग होगी क्योंकि रोगी की जीवनशैली अहम है।
गुजरे समय से जुड़े होते सपने
बार-बार आने वाले सपने पहले हुई किसी मानसिक वेदना, आघात और संघर्ष समेत अन्य तरह की परेशानियों से उबर न पाने की स्थिति को दर्शाता है। गुजरी हुई बात रात को सोते वक्त दिमाग में चलती है। व्यक्ति अपनी दुनिया में रहता है और दूसरों से अलग हो जाता है।
ऐसी तकलीफ तो भी बेहतर इलाज संभव
नींद न आना, सोने की अलग-अलग मुद्रा, नींद में आंख मुंह-खुला रहना गंभीर बीमारी के लक्षण हैं। परिवार का दूसरा सदस्य ही रोगी की इस परेशानी को बता सकता है। रोगी को पहले उसकी परेशानी के बारे में बताते हैं। रात को सोते वक्त जरूरी सावधानी बरतने के लिए भी कहा जाता है।
इलाज:
सपनों के आधार पर जब रोगी को दवा देते हैं तो सपनों पर भी फर्क पड़ता है। सोते वक्त चिल्लाना, हंसना, गुस्सा करना समेत अन्य परेशानियों से निजात मिलती है। दवा के असर से बुरे सपने कम होते या रुक जाते हैं, अच्छे सपने आने लगते हैं। 100 से 200 तरह की दवाइयां है जिनकी मदद से अलग-अलग रोगों का इलाज होता है।
नोट: मरीज कोई भी दवा मन से न लें। योग्य चिकित्सक की सलाह से ही इन्हें लें।
Source: Health