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40 फीसदी युवा मानते हैं पिछले पांच वर्ष में नींद कम हुई, 12 देशों के 11 हजार वयस्कों पर सर्वे में सामने आयी सच्चाई

नींद का तरीका, अवधि और गुणवत्ता हर देश में अलग हो सकती है, लेकिन एक बात कॉमन है कि भरपूर नींद कहीं भी नहीं है। 12 देशों के 11 हजार वयस्कों पर किए गए फिलिप्स ग्लोबल स्लीप सर्वे (Global Sleep Survey) में कुछ मजेदार और चौंकाने वाले तथ्य उभरकर आए हैं। सर्वे में सामने आया कि नींद को लेकर हर देश की परिस्थितियां, जलवायु और मनोविज्ञान अलग है, लेकन आदतें नींद को प्रभावित करती हैं। एक और बात सामने आई है कि स्वच्छता भी अच्छी नींद में मददगार होती है।

नींद क्यों जरूरी है?
दुनिया में 67 फीसदी वयस्कों का मानता है कि जब वे बिस्तर पर जाते हैं तो उन्हें अच्छी नींद नहीं आती। रात में एक या दो घंटे की नींद खोने से गाड़ी चलाने या संज्ञात्मक कार्यों पर उतना ही प्रभाव हो सकता है, जितना एक या दो दिन बिना नींद के होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की अच्छी आदतें हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए जरूरी हैं। नींद की कमी के कारण हर वर्ष दुनिया में एक लाख कार दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें हजारों लोग हादसे का शिकार होते हैं। इसके अलावा नींद के कारण हवाई जहाज और नौका दुर्घटना और यहां तक कि परमाणु रिएक्टर जैसे हादसे भी सामने आए हैं।

शोध के परिणाम
-80% वयस्क दुनिया के नींद में सुधार चाहते हैं
-67% वयस्क रात में ठीक से नींद नहीं ले पाते
-63% वीकेंड पर अधिक सोना पसंद करते हैं
-40% वयस्क मानते हैं पिछले पांच वर्ष में नींद घटी
-60% युवा सप्ताह में दो बार दिन में नींद चाहते हैं।
-63% कनाडा, 61% सिंगापुर में तनाव से नींद ने कमी

ये हैं कम नींद के कारक
-54 % चिंता और तनाव : नौकरी, परिवार, स्वास्थ्य, और वित्तीय प्रतिकूलताओं के कारण
-40 % नींद का माहौल : जहां आप सोते हैं, वह स्थान भी नींद की गुणवत्ता प्रभावित करता है।
-37 % काम या स्कूल : व्यस्त कॅरियर और स्कूल का वर्कलोड नींद पर असर डालता है।
_32 % स्वास्थ्य की स्थिति : तीन चौथाई वयस्क अनिद्रा, स्लीप एपनिया से सो नहीं पाते।
-36 % मनोरंजन के कारण प्रभावित होता है

सबसे ज्यादा नींद लेने वाले देश
-भारत
-सऊदी अरब
-चीन
-अमरीका
-अर्जेंटिना
-रूस
-जर्मनी
-स्वीडन
-दक्षिण अफ्रीका
-मैक्सिको

अच्छी नींद के लिए ये उपाय करें
दिनचर्या: सोने का एक ही समय रखने (सप्ताहांत में भी) से शरीर की घड़ी की लय संयमित रहेगी और वह मस्तिष्क को भी तैयार रखेगी।
व्यायाम: व्यायाम के लिए एक समय चुनें, जो आपके शेड्यूल और ऊर्जा के स्तर के अनुकूल हो। ये मेलाटोनिन व कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित रखता है।
रोशनी: दिन के समय बाहर घूमें, रात के समय बाहर का समय सीमित करें। हां, भोजन के बाद जरूर टहलें। सोने से आधे या एक घंटे पहले डिवाइसेज को छोड़ दें।
भोजन और पेय पदार्थ : सोने के कुछ घंटे पहले ज्यादा भोजन, अल्कोहल या कैफीन का प्रयोग नहीं करें। इससे लय टूट जाती है।
ध्यान-योग: हाल के अध्ययनों में पता चला है कि योग, ताइची और ध्यान से अनिद्रा की बीमारी को दूर किया जा सकता है। अच्छी नींद के सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं।
आरामयुक्त : कमरे को यथासंभव साफ रखें। सोने का बिस्तर आपके अनुकूल हो और कोशिश करें शयनकक्ष तक शोर न आए। सोते समय प्रकाश न हो तो बेहतर है।



Source: Health