COVID-19: जानिए कैसे काम करते है वैक्सीन
टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बीमारी पैदा करने वाले किटाणुओं को निष्क्रिय कर शरीर में डाल देते हैं ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उनके प्रति खुद को मजबूत बना सके। यह दो तरह की होती है। पहली, जिसमें किटाणुओं को मृत कर शरीर में प्रवेश करते हैं। दूसरा, जीवित किटाणुओं को शरीर में प्रवेश कराना। ये जीवित होने के बावजूद रोग को फैलाने में सक्षम नहीं होते।
ऐसे देते वैक्सीन–
हर टीके का अपना खास काम है। इन्हें अलग-अलग तरह से देते हैं। जैसे कुछ टीके मांसपेशियों के अलावा त्वचा में लगाते हैं। वहीं कुछ मुंह द्वारा पिलाते हैं व नाक के जरिए देते हैं। टीकाकरण इन्द्रधनुष कार्यक्रम के तहत करते हैं।
ऐसे में नहीं लगाते टीका-
गंभीर बीमारी (कैंसर-एड्स) में टीका नहीं लगाते। यदि शिशु की इम्युनिटी कमजोर है तो कुछ खास टीके नहीं लगाते। साथ ही बुखार, उल्टी आने या एलर्जी हो तो भी टीका लगाने से पहले सोचते हैं।
लक्षणों से घबराए नहीं…
शिशु को वैक्सीन लगवाने से पहले उसका बैच नं., एक्सपाइरी डेट देखें। टीकाकरण के बाद शिशु को हल्का बुखार या प्रभावित हिस्से पर दर्द व लालिमा 24 घंटे तक रहती है, जो कि सामान्य है। ऐसा वैक्सीन के कारण शरीर में बदलाव से होता है।
समय पर हो टीकाकरण-
गर्भवती महिला में ही टीकाकरण प्रक्रिया शुरू होती है। ताकि उसमें पैदा हुई इम्युनिटी प्लेसेंटा के जरिए शिशु में जा सके। जन्म के बाद शिशु को तीन वैक्सीन देते हैं। बीसीजी या टीबी, हेपेटाइटिस-बी व पोलियो की पहली खुराक। फिर 6, 10 व 14 हफ्ते पर 3 प्राइमरी वैक्सीन व15-18 माह के बीच पहला बूस्टर लगाते हैं।
Source: Health