fbpx

सचिन-गांगुली के बाद अब द्रविड़ के पीछे पड़े डीके जैन, सीओए करेगी बचाव

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई ) के लोकपाल डी. के. जैन द्वारा राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी ( एनसीए ) के मुखिया राहुल द्रविड़ को हितों के टकराव मामले में नोटिस भेजने की काफी आलोचना हुई थी। अब प्रशासकों की समिति ( सीओए ) ने फैसला किया है कि वह भारत के पूर्व कप्तान का मामला अपने हाथ में लेगी।

सीओए के एक सदस्य ने कहा, “हमने लोकपाल को पहले ही अपना जवाब दे दिया है। हम द्रविड़ की तरफ से केस लड़ेंगे क्योंकि वह बीसीसीआई के कर्मचारी हैं। देखते हैं कि क्या होता है क्योंकि हमनें पहले ही साफ कर दिया था कि जहां तक समिति की बात है तो द्रविड़ के साथ हितों के टकराव का मुद्दा नहीं है और इसलिए उन्हें एनसीए की जिम्मेदारी सौंपी गई है।”

जैन को मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने पत्र लिखकर शिकायत की थी कि द्रविड़ हितों के टकराव के मुद्दे में शामिल हैं। शिकायत के हिसाब से द्रविड़ इंडिया सीमेंट्स में कार्यरत हैं और उन्होंने एनसीए के साथ जुड़ने से पहले कंपनी से इस्तीफा नहीं दिया है बल्कि छुट्टी ली है। जैन ने कहा था कि पूर्व कप्तान से जवाब मिलने के बाद वह फैसला लेंगे कि इस मुद्दे को आगे ले जाना है या नहीं।

यह भी पढ़ेंः

इन चार गेंदों ने बना दिया बुमराह को सबसे महान भारतीय गेंदबाज, कपिल देव और जहीर खान भी छूट गए पीछे

द्रविड़ को इस मसले पर भेजे गए नोटिस की पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने काफी आलोचना की थी और ट्वीट करते हुए कहा था कि पूर्व खिलाड़ियों को हितों के टकराव में लाना आज का फैशन बन गया है।

इससे पहले संजीव ने गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस. लक्ष्मण के खिलाफ भी हितों के टकराव की शिकायत की थी। संजीव ने अपनी शिकायत में कहा था कि यह तीनों सीएसी के सदस्य रहते हुए कैसे आईपीएल फ्रंचाइजियों के साथ काम कर सकते हैं।

इन तीनों खिलाड़ियों ने इस मसले पर अपना पक्ष रखा था और सीएसी में न रहने की बात कही थी जिसके बाद बोर्ड ने नई सीएसी बनाई जिसमें कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और पूर्व खिलाड़ी शांताकुमारन रंगास्वामी थीं। इस नई सीएसी ने ही रवि शास्त्री को भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद पर बरकरार रखा।


Source: Sports

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *