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चर्चित स्काईवॉक पर छत्तीसगढ़ दर्शन और विज्ञापन डिस्प्ले का भी प्लान

रायपुर . शहर के चर्चित स्काईवॉक पर आखिरी फैसला राज्य शासन लेगा। अभी निर्माण पूरा कराने का गुणा-भाग शुरू नहीं हुआ है, क्योंकि उपसमिति में किन-किन अफसरों को शामिल किया जाना है, यह तस्वीर साफ नहीं हुई है। लेकिन, राज्य शासन की सामान्य सुझाव कमेटी की 20 अगस्त को हुई बैठक के दौरान एक प्रेजेंटेशन हुआ था कि स्काईवॉक का अधिक से अधिक उपयोग विज्ञापन डिस्प्ले के रूप में किया जा सकता है, जिससे अच्छी खासी आमदनी सरकार को होगी। इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों से लोगों को रूबरू कराने के लिए छत्तीसगढ़ दर्शन नाम दिया जा सकता है।
स्काईवॉक की ऊंचाई 25 फीट है, जिसका पैदल उपयोग गर्मी के चार महीने में भारी पड़ेगा। जब रायपुर का तापमान 46 से 47 डिगी होता है तब उस पर चलना इतना आसान नहीं होगा। शहर के मुख्य जयस्तंभ चौक के करीब से शहीद स्मारक भवन, तहसील ऑफिस, डीकेएस हॉस्पिटल, शास्त्री चौक, कलेक्ट्रेट, जिला अदालत, अंबेडकर अस्पताल जैसी जगह को कवर करता है। लोगों का आना-जाना सबसे अधिक होता है। इसे देखते हुए निजी विज्ञापन एजेंसियों की भी नजरें स्काईवॉक पर टिकी हुई हैं। शास्त्री चौक में 5 जगहों पर डिस्प्ले बोर्ड लगेगा, जैसा कि अभी जयस्तंभ चौक पर लगा हुआ है। डेढ़ किलोमीटर लंबे स्काईवॉक के दायरे में इस तरह के कई डिस्प्ले बोर्ड लग सकेंगे। जो राजस्व बढ़ाने का सौदा साबित हो सकता है। जानकारों का कहना है कि यह तभी होगा, जब स्काईवॉक का निर्माण पूरा होगा।
63 पिलर का स्काईवॉक
स्काईवॉक का ढांचा 63 पिलरों पर टिका हुआ है। उसका भी उपयोग विज्ञापन एजेंसियों के काम का है। फिलहाल वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता वाली सामान्य सुझाव समिति ने जो सब-कमेटी बनाने का निर्णय लिया है, वह अधूरे पड़े हिस्से को पूरा कराने में खर्च और पुराने ड्राइंग-डिजाइन में संशोधन से शास्त्री चौक में रोटरीनुमा स्ट्रक्चर नहीं बनाने, एस्केलेटर जैसे प्लान में कटौती से कितनी बचत होगी। यह प्रस्ताव अलग-अलग बनाएगी। फिर उस रिपोर्ट को सुझाव समिति को देने के साथ ही मुख्यसचिव को सौंपेंगे।

प्रेजेंटेशन में राज्य के ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू कराने सहित आर्ट गैलरी का प्लान बैठक में प्रदर्शित किया गया था। इस पर अभी कुछ तय नहीं हुआ है। केवल स्काईवॉक के अधूरे निर्माण पर खर्च और बचत का आकलन रिपोर्ट तैयार करने का काम उपसमिति करेगी। जो दो-तीन दिनों में अस्तित्व में आ जाएगी।
सत्यनारायण शर्मा, अध्यक्ष सामान्य सुझाव समिति



Source: Education