3 साल में बनेगा विधानसभा भवन, पुराने का क्या होगा तय नहीं

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया भवन के लिए भूमिपूजन नवा रायपुर के सेक्टर-19 में हुआ है। महानदी भवन और इंद्रावती भवन के पीछे 51 एकड़ में इसका निर्माण होगा। मुख्य भवन 52 हजार 497 वर्गमीटर में होगा। भविष्य के जरूरतों के हिसाब से तैयार यह भवन अगले तीन साल में बनकर तैयार होगा। सरकार चाहती है कि मौजूदा विधानसभा का अंतिम सत्र नए विधानसभा भवन में हो।
नए विधानसभा भवन में कामकाज शुरू होने के बाद पुराने विधानसभा भवन और उससे जुड़ी संपत्तियों का क्या उपयोग होगा, इस बारे में अभी सरकार ने कुछ नहीं सोचा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, भवन और आवासीय कॉलोनी की बनावट को देखते हुए उसमें कोई शैक्षणिक अथवा तकनीकी संस्थान शुरू किया जा सकता है। इसका फैसला कुछ वर्ष बाद ही हो पाएगा। विधानसभा भवन का भूमिपूजन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, नवा रायपुर को आबाद करने के लिए सरकार चौतरफा उपाय कर रही है। मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास बनाने की शुरुआत की जा चुकी है। संसदीय सचिवों को नवा रायपुर में ही आवास आबंटित किए गए हैं। मुख्यसचिव यहीं रहने लगे हैं। आगामी वर्षों में यहां राज्यपाल, मंत्रीगण और शासन-प्रशासन से जुड़े सभी लोग रहने लगेंगे। इस नए शहर को बसाने की सभी अड़चनें दूर हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, हमारी यह कोशिश रहेगी कि विधानसभा का नया भवन जल्दी बनकर तैयार हो जाए और हम सब छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता और छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के लिए यहां बैठे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की परिकल्पना के अनुरूप सर्वसुविधायुक्त आधुनिक तकनीक से लैस भव्य भवन की आधारशिला रखी गई है। यह भवन नहीं, लोकतंत्र का मंदिर है।
सीएम हाउस व राजभवन निर्माण की जानकारी ली : मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने निर्माणाधीन राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्माणाधीन आवासीय परिसरों की प्रगति की जानकारी अधिकारियों से ली।
दिल्ली के शक्ति केंद्र जैसा होगा नया ढांचा
लोकनिर्माण एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया, विधानसभा का नया भवन महानदी भवन एवं इंद्रावती भवन के बीच पिछले हिस्से में रिक्त भूमि पर बनेगा। इसकी रूपरेखा दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित नार्थ एवेन्यू एवं साउथ एवेन्यू जैसी रखी गई है।नये विधानसभा भवन के सामने राजपथ जैसा मार्ग बनेगा, जिसके जरिए महानदी एवं इंद्रावती भवन से पैदल भी विधानसभा पहुंचा जा सकेगा। भवन में अत्याधुनिक लाइब्रेरी और ऑडिटोरियम होगा। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं उपाध्यक्ष और मुख्य सचिव तथा विधानसभा के प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य सचिवों के लिए कक्ष, मीटिंग हॉल एवं स्टाफ कक्षों का निर्माण के अलावा औषधालय, बैंक सहित रेलवे रिजर्वेशन काउंटर के लिए भी व्यवस्था बनाई जाएगी।
50 साल बाद की जरूरतों का ध्यान
विधानसभा भवन में 50 साल आगे की जरूरतों का ध्यान रखा गया है। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया, अभी 150 से 200 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। उसी के मुताबिक अध्यक्षीय दीर्घा, अधिकारी दीर्घा, प्रतिष्ठित दर्शक दीर्घा, पत्रकार दीर्घा एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण होना है। अभी विधानसभा में केवल 90 विधायक हैं। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 2026 में विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्गठन होना है। संभावना जताई जा रही है, परिसीमन में छत्तीसगढ़ के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 100 से 110 हो सकती है।
Source: Education