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अवैध रूप से गैस रिफलिंग करते आग लगी, मासूम सहित चार जने झुलसे

अजमेर/चूरू. गैस सिलैण्डर फटने या रिसाव से आग लगने की घटनाएं कोई नई नहीं है। इसके पीछे लापरवाही व लालच रहता आया है। अजमेर जिले के ब्यावर शहर में दो साल पहले रसोई गैस सिलैण्डर फटने से करीब डेढ़ दर्जन लोग मौत के मुंह में समा गए थे। मांगलियावास क्षेत्र में भी गैस रिफलिंग के समय आग लगने से तीन-चार लोग जान गंवा बैठे थे। केकड़ी, किशनगढ़ व अजमेर शहर में भी गैस रिफलिंग से कई हादसे हो गए।

गैस भरते समय सिलैण्डर ने आग पकड़ ली

शुक्रवार को चूरू जिला मुख्यालय पर वार्ड नं. दो स्थित सर्किट हाउस के पीछे एक कारखाने में गैस सिलैण्डर में रिसाव के चलते आग लग गई। यहां कारों में अवैध तरीके से गैस भरते समय सिलैण्डर ने आग पकड़ ली। आग की लपटों में पांच वर्षीय मासूम सहित चार जने झुलस गए। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने झुलसे लोगों को राजकीय डीबी अस्पताल पहुंचाया।

मशीन में लीकेज से हुआ हादसा

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सर्किट हाउस के पीछे कार रिपेयर का कारखाना है। शुक्रवार शाम एक कार चालक गैस भराने के लिए आया था। इस दौरान कारखाना संचालक की ओर से रसोई सिलेंडर से रिफलिंग की जा रही थी। मशीन में लीकेज होने के चलते अचानक आग लग गई। इस दौरान कार में सवार भैरूसर निवासी निशा (5), शारदा (20), राजेन्द्र (27) व कविता (25) झुलस गए।

दो कारें पूरी तरह से जली

लोगों ने बताया कि आग की लपटें इतनी भयंकर थी कि कारखाने में खड़ी दो गाडिय़ां जलकर पूरी तरह से कबाड़ बन गई। वहीं एक गाड़ी के शीशे बिखर गए। कारखाने से कुछ दूरी पर ही गैस गोदाम है।

गनीमत यह रही कि आग वहां तक नहीं पहुंची। उल्लेखनीय है कि कारखाना संचालक के पास आग बुझाने के संसाधन तक मौजूद नहीं थे। यहां कारों में गैस भरने का काम किया जाता है। मौके पर से एक कंपनी को गैस सिलेंडर भी मिला है, जिससे कार में गैस भरी जा रही थी।



Source: Lifestyle

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