जब न्यूज़ चैनल्स है तो सिनेमा देखने जाने की क्या जरूरत देखिये कार्टूनिस्ट सुधाकर का कटाक्ष
देश में कोरोना वायरस के कारण लगभग 7 महीनों से बंद पड़े सिनेमाघर और रंगमंच थिएटर 15 अक्टूबर से खुल सकेंगे. केंद्र सरकार ने इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है गाइड लाइन के अनुसार सिनेमाघर 50 फ़ीसदी दर्शक क्षमता के साथ खुलेंगे. साथ ही दर्शकों को फेस मास्क लगाए बिना सिनेमा घर में एंट्री नहीं दी जाएगी तथा फिल्म देखने के दौरान भी मास्क लगाए रखना होगा. सिनेमाघर मालिकों को सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनर का इंतजाम भी करके रखना होगा .इसके अलावा भीड़ कम करने के लिए फिल्म की एडवांस बुकिंग की व्यवस्था करने की भी सलाह दी गई है. सरकार के इस निर्णय से महीनों मनोरंजन से दूर लोगों को कुछ राहत मिल सकती है. मगर जिस तरह आजकल न्यूज़ चैनल्स ने पत्रकारिता के सिद्धांतों को ताक पर रखकर सनसनीखेज तरीके से मिर्च मसाला लगाकर खबरें परोसने की जो परंपरा शुरू की है उससे दर्शकों को कॉमेडी एक्शन और इमोशन न्यूज़ चैनल में ही देखने को मिल जाते हैं और उसे फ़िल्म या नाटक देखने की जरूरत काम ही महसूस होती है. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया
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