स्मार्टसिटी: एबीडी प्रोजेक्ट में 90 एकड़ पर विवाद, तीन साल बाद भी दिक्कत बरकरार
भोपाल. स्मार्टसिटी टीटी एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की 342 एकड़ जमीन में 90 एकड़ निजी रही, जो विवाद की वजह बन रही। तीन साल बाद भी इसे सुलझाया नहीं जा सका। प्रोजेक्ट तैयार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तत्कालीन विधायक-मंत्री उमाशंकर गुप्ता अब इसे रद्द कराने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पांच अक्टूबर को पत्र लिखकर प्रोजेक्ट डि-नोटिफाई करने की मांग की है।
11 अप्रेल 2017 को स्मार्टसिटी के एबीडी एरिया नार्थ व साउथ टीटी नगर भोपाल की 342 एकड़ जमीन स्मार्टसिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन के नाम की गई। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मंत्री परिषद संक्षेपिका में राजस्व विभाग का मत था, प्रस्तावित जमीन के खसरों का भौतिक सत्यापन हो, ताकि निजी पर असर न हो। 30 अगस्त 2018 को राजस्व विभाग ने यह बात कलेक्टर को कही जिसे अनसुना कर दिया।
इन पर नहीं
दिया ध्यान
गुरुद्वारा, आर्य समान मंदिर, एमपी/एमएलए क्वार्टर, काटजू अस्पताल, मॉडल स्कूल परिसर, जैन मंदिर टीटी नगर, हनुमान मंदिर जवाहर चौक, बंगाली मंदिर, कौरव समाज भवन, स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल, प्रियदर्शिनी भवन व नगर निगम की पहले से विकसित विभिन्न बाजार के साथ जमीन आवंटन हुआ। स्मार्टसिटी का प्लान इन जमीनों पर कब्जा दर्शाते हुए तैयार हुआ।
हमने शासन से प्लान को डि-नोटिफाई करने की मांग की है। प्लान के शुरुआत में जो तय था, बाद में उसमें काफी बदलाव हुए। निजी खसरों का सत्यापन और उसके अनुसार प्लानिंग जरूरी है।
उमाशंकर गुप्ता, तत्कालीन मंत्री
हमने पहले ही स्पष्ट किया है कि पर्यावरण से प्लानिंग तक जो दिक्कतें हैं, निराकरण किया जाएगा। हम इस पर चर्चा कर रहे हैं। जो भी तथ्य सामन आएंगे, उसके अनुसार ही काम करेंगे।
भूपेंद्र सिंह, मंत्री शहरी आवास एवं विकास
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