कर्ज के तकाजे से परेशान होकर कारोबारी ने पत्नी-बेटे के साथ लगाया था फंदा, बच गए बेटे की शिकायत पर साल भर बाद दर्ज हुआ अपराध
रायपुर। उरला के एक कारोबारी ने कर्ज के तकाजे से परेशान होकर अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर फांसी लगा ली थी। इसमें बेटा बच गया और दोनों पति-पत्नी की मौत हो गई थी। करीब एक साल बाद इसका खुलासा होने के बाद पुलिस ने कर्ज के नाम पर प्रताडि़त करने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक संतोष नगर बीरगांव निवासी मोहन लाल साहू और उसकी पत्नी राधा साहू ने मोनू देवांगन से 40 हजार रुपए कर्ज लिया था। इससे दोनों न ड्डा-मुरकू का व्यवसाय कर रहे थे। शुरु में कारोबार अच्छा चल रहा था, तो मोनू का पैसा किस्तों में लौटा रहे थे। बाद में कारोबार ठीक से नहीं चल पाया। इससे मोनू का दो माह की किस्त नहीं दे पाए, तो उन्होंने हरेंद्र साहू उर्फ राजा साहू से 40 हजार रुपए कर्ज लिया। इसके बाद हरेंद्र का पैसा चुकाते रहे। इस दौरान उसने रामेश्वर ठाकुर से भी कर्ज लिया। उसे भी धीरे-धीरे चुका रहे थे। इस बीच 3 मार्च 2019 से सभी कर्जदारों ने पैसा लौटाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। लेकिन मोहनलाल पैसा नहीं लौटा पा रहा था। लेकिन कर्जदार लगातर दबाव डाल रहे थे।
तीनों झूले फंदे पर, बेटा बच गया
कर्जदारों के दबाव से मोहन और उसकी पत्नी काफी तनाव में आ गए थे। उन्हें कर्ज चुकाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। इससे परेशान होकर 6 मार्च 2019 को मोहन और राधा ने अपने घर में बेटे सेवक राम साहू के साथ मिलकर फांसी का फंदा लगा लिया। आधी रात को तीनों फंदे पर लटके। इस बीच सेवक का पैर जमीन पर लटक गया। इससे वह बच गया, लेकिन मोहन और राधा फंदे पर झूल गए। इससे दोनों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने हरेंद्र, मोनू देवांगन, रामेश्वर ठाकुर और गीता ठाकुर के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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