बारिश की तबाही अब प्याज की कीमतों पर, थोक में 60 के पार, चिल्हर में शतक की ओर
रायपुर. राजधानी के थोक बाजार में (Onion Price Hike in Chhattisgarh) प्याज की कीमतें 55 से 65 पर रुपए पर बिक रही है, लेकिन चिल्हर में कीमतों में भारी मुनाफाखोरी और महंगाई की वजह से यह कई दुकानों में 70 से 80 रुपए में बिक रहा है। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में थोक में महंगाई का असर चिल्हर पर पड़ेगा, वहीं कारोबारियों ने आशंका जताई है कि मुनाफाखोरी की वजह से चिल्हर में कीमतें 100 रुपए तक पहुंच सकती है।
एक महीने पहले की स्थिति पर गौर करें तो प्याज की कीमतें 30 से 40 रुपए प्रति किलो पर मिल रही थी, लेकिन अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से कीमतों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्रदेश के सबसे बड़े थोक आलू-प्याज बाजार राजधानी के भनपुरी इलाके में भी महंगाई का आलम साफ देखा जा रहा है। प्याज की कीमतों में वृद्धि की वजह से प्रदेश में बिक्री में 40 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है।
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गोलबाजार में 75 रुपए तक पहुंचा
गोलबाजार में ही कीमतें 75 रुपए तक पहुंच चुकी है, वहीं प्रदेश के कई जिलों में भी प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी महंगाई की आंच आ चुकी है। गोलबाजार में 5 से 10 किलो प्याज लेने पर चिल्हर में 5 रुपए की कमी की जा रही है।
व्यापारी संघ भनपुरी थोक-आलू प्याज के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश में बारिश की वजह से प्याज में भारी तबाही हुई। इसकी वजह से फसल खराब हो चुकी है। नई फसल आने में समय लगेगा। शासन से दिशा-निर्देशों के बाद हम थोक की कीमतों में ग्राहकों को प्याज बेचने के लिए तैयार है। बीते वर्ष भी इसी तरह अलग से काउंटर के माध्यम से बिक्री की गई थी।
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प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने प्रशासन ने बनाई टीम
शासन के आदेश के बाद रायपुर कलेक्टर ने प्याज की बढ़ती कीमत पर रोक लगाने के लिए गुरुवार को खाद्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिले की सभी थोक आलू-प्याज की दुकानों में रेट व स्टॉक की सूची चस्पा की जाए। इसके लिए थोक व्यापारियों को निर्देश दे दिया गया है।
खाद्य नियंत्रक अनुराग सिंह भदौरिया का कहना है कि टीम फुटकर बाजारों का भी लगातार निरीक्षण करेगी। जिससे खुदरा मूल्य पर मुनाफाखोरी न हो पाए। चौंकाने वाली बता यह है कि नवरात्रि के समय पर प्याज की मांग आधी हो जाती है। इसके बाद भी कीमतों में इजाफा होना चिंता का विषय है। मूल्य नियंत्रण के लिए प्रशासन की टीम लगातार तैनात रहेगी।
Source: Education