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अंधेर नगरी बना अलवर शहर, जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें, हर तरफ अँधेरा, लोग परेशान

अलवर. शासन और प्रशासन की बेरुखी के कारण अलवर शहर अंधेर नगरी बना हुआ है। शहर के कई प्रमुख चौराहे और सडक़ें रातभर अंधेरे में डूबी रहती है। सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है।

नगर परिषद की ओर से अलवर शहर में करीब 30 हजार रोडलाइटें लगाई हुई हैं, लेकिन नियमित रूप से मेंटीनेंस नहीं होने होने के कारण इनमें से करीब 6 हजार से ज्यादा रोडलाइटें खराब पड़ी हैं। स्थिति यह है कि आज शहर के कई प्रमुख चौराहों, सडक़ों और गली, मोहल्ले व कॉलोनियों में रोडलाइटें बंद पड़ी हैं। पूरी रातभर इन सडक़ों पर अंधेरा पसरा रहता है। जिसके कारण शहर में छेड़छाड़, छीना-झपटी, चोरी व लूट की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके बाद भी नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी और शहर के जनप्रतिनिधि सभी को इन हालातों की जानकारी है, लेकिन इसके बावजूद भी कोई शहर की रोडलाइट व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयास नहीं कर रहा है।

पत्रिका ने जाने अंधेर नगरी के हालात

पत्रिका टीम ने रात शहर की रोडलाइट व्यवस्था देखने निकली। शहर के कई प्रमुख चौराहों और सडक़ों पर घनघोर अंधेरा पसरा नजर आया। शहर के इटाराणा पुल से शांतिकुंज की तरफ जाने वाले सडक़ पर घना अंधेरा छाया हुआ था। इस रोड पर करीब 20 से ज्यादा रोडलाइटें लगी हैं, लेकिन इनमें से एक भी नहीं जल रही थी। इटाराणा पुल से कालीमोरी फाटक तक का पूरा रोड अंधेरे में डूबा हुआ था। डिवाइडर के बीच लगी एक भी रोडलाइट नहीं जल रही थी। पत्रिका टीम आगे पहुंची तो रेलवे स्टेशन रोड पूरा घने अंधेरे के आगोश में नजर आया। यहां केवल आने-जाने वाली गाडिय़ों की लाइट से ही रोशनी नजर आई। अग्रसेन सर्किल पर लगी सभी हाईमास्ट लाइटें बंद पड़ी थी और चौराहे पर अंधेरा था। इससे आगे एनईबी थाना रोड पर रोडलाइटें नहीं जल रही थी और अंधेरा पसरा हुआ था। वहीं, शहर के बीचों-बीच विवेकानंद चौक पर रोडलाइटें कई दिनों खराब पड़ी हैं और रात को यहां अंधेरा रहता है।

ठेका कम्पनी नहीं कर रही काम

सरकार की ओर से शहर की रोडलाइटों के रख-रखाव का ठेका ईईएसएल कम्पनी को दिया हुआ है। ठेका कम्पनी की ओर से पिछले काफी समय से काम नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण शहर में कई छह हजार से ज्यादा लाइटें खराब पड़ी हैं। ठेका कम्पनी को इस सम्बन्ध में कई बार लिखित और फोन पर अवगत कराया गया है, लेकिन फिर भी रोडलाइटों की मेंटीनेंस नहीं की जा रही है।

– सोहनसिंह नरुका, आयुक्त, नगर परिषद, अलवर।



Source: Education