पुष्कर पालिकाध्यक्ष को राहत, नोटिस की कार्रवाई पर अदालत से मिला स्टे,पत्रावली तलब
अजमेर/पुष्कर. पुष्कर नगर पालिकाध्यक्ष कमल पाठक को स्थानीय निकाय निदेशक की ओर से नगर पालिका एक्ट 2009 की धारा 39 के तहत जारी चेतावनी भरे स्पष्टीकरण पत्र पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है। अदालत ने मामले की पत्रावली तलब की है। कांग्रेस पार्षद ओमप्रकाश डोल्या ने स्थानीय निकाय निदेशक को शिकायत कर पालिकाध्यक्ष पाठक पर ब्रह्मा मंदिर के पास सरकारी जमीन पर तीन दुकानें बनाने, बाईजी मंदिर की जमीन का संस्थागत भू-उपयोग परिवर्तन कराए बिना अवैध दुकान व चबूतरा बनाने, पालिका अधिनियमों के प्रावधानों का उल्लंघन कर सेट बैक पर होटल निर्माण कराने, स्वयं की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक कर खुद की होटल का नक्शा पास कराकर पद का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए थे।
शिकायत की जांच के बाद मांगा स्पष्टीकरण
निदेशालय स्तर पर इन आरोपों की विभागीय स्तर जांच कराने के बाद निकाय निदेशक दीपक नंदी ने पालिकाध्यक्ष कमल पाठक के नाम २ दिसम्बर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। दस दिन में इसका जवाब नहीं देने पर राजस्थान नगर पालिकाअधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।
नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील
पालिकाध्यक्ष पाठक ने निदेशालय की इस कार्रवाई व नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील पेश कर दी। इसमें बताया गया कि इन आरोपों की पूर्व में दो बार जांचें की जा चुकी हैं। सभी आरोप निराधार है। सत्ता का दुरुपयोग कर पालिकाध्यक्ष पद से हटाने की योजना है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद निदेशालय की ओर से अध्यक्ष पाठक के नाम 2 दिसम्बर को जारी स्पष्टीकरण नोटिस की कार्रवाई पर स्टे दिया है।
अधिवक्ता अरुण वैष्णव के अनुसार स्थानीय निकाय निदेशक की ओर से 2 दिसम्बर को पुष्कर नगर पालिकाध्यक्ष कमल पाठक के नाम स्पष्टीकरण मांगा गया था। इस नोटिस पर हाई कोर्ट ने स्टे कर पत्रावली तलब की है।
सत्ता का दुरुपयोग
पालिकाध्यक्ष पाठक ने कहा कि राज्य सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर झूठी शिकायतों के आधार पर उन्हें पद से हटाने का षडय़ंत्र रच रही है। अदालत से कानून व सत्य की जीत हुई है।
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