आयुष डॉक्टरों की सेवाएं लीं तो छिनेगा एनएबीएच सर्टिफिकेशन
भोपाल. निजी नर्सिंग होम्स को सरकारी योजनाओं के तहत इलाज की सुविधाएं देने के लिए उत्कृष्टता का एनएबीएच सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है। एनएबीएच सर्टिफिकेट लेकर भी कुछ एलोपैथिक अस्पताल आयुष डॉक्टरों की सेवाएं ले रहे हैं। अब नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे अस्पतालों को सर्टिफिकेट निरस्त करने का आदेश जारी किया है।
एनएबीएच के सीइओ डॉ. अतुल मोहन कोठारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बोर्ड के संज्ञान में आया है कि कुछ एनएबीएच से प्रमाणित अस्पताल क्लीनिकल ड्यूटी के लिए आयुष डॉक्टरों को नौकरी पर रख रहे हैं। यह एनएबीएच द्वारा स्थापित हेल्थकेयर एक्रीडिटेशन के मानकों का सीधे रूप में उल्लंघन है साथ ही मरीज के सुरक्षा मानदंडों के भी प्रतिकूल है। बोर्ड के अनुसार यह आधुनिक चिकित्सकीय देखभाल के साथ धोखाधडी का मामला है। एनएबीएच ने एक मामले को संज्ञान में लिया है।
नहीं है अनुमति
बोर्ड के अनुसार एलोपैथिक डॉक्टर के सुपरविजन के बिना एलोपैथिक अस्पतालों में स्वतंत्र ऑर्डर एवं क्लीनिकल के लिए किसी भी आयुष डॉक्टर को तैनात करने की अनुमति नहीं है। यदि ऐलोपैथिक अस्पताल राज्य द्वारा तय नियमों और मानकों के अनुसार आयुष डॉक्टरों को क्लीनिकल असिस्टेंट के तौर पर कार्य करवा रहे हैं तो उनका सीधे पेशेंट केयर में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और इन डॉक्टर्स को अस्पताल प्रबंधन द्वारा तय जिम्मेदारियों को सख्ती से पालन करना है। किसी भी एनएबीएच पात्रता के आवेदक अस्पताल में कार्यरत आयुष डॉक्टरों को पात्रता निरीक्षण के दौरान आरएमओ नहीं माना जाएगा। एनएबीएच ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी अस्पताल में ऐसे मामले पाए जाते हैं तो कडी कार्रवाई करते हुए सर्टिफिकेट निरस्त किया जाएगा।
Source: Education