थानों में लगे एसी, फ्रीज व टीवी को लगी 'नजर
जयप्रकाश गहलोत
बीकानेर। पुलिस मुख्यालय की प्रदेश के थानों में लगे एसी, फ्रीज, टीवी सहित अन्य इलेक्ट्रोनिक आइटमों पर नजर टिकी है। वर्षों बाद पुलिस मुख्यालय का ध्यान इस ओर गया है कि थानों में एसी, फ्रीज व टीवी अवैध है या वैध। अब इन आइटमों को हटवाकर सीसीटीवी लगवाने के निर्देश दिए हैं। इसके पीछे तर्क पुलिस की छवि को सुधारना बताया जा रहा है। वैसे भी पुलिस मुख्यालय ने यह नया और बड़ा कदम उठाया गया है।
फाइव स्टार से कम नहीं लगते थाने
प्रदेश में कई थानों की हालत जर्जर है तो कइयों का इंटीरियर लुक फाइव स्टार सा है। थानों के अंदर के रूप को जरूर फाइव स्टार सा बनाया हो लेकिन वहां व्यवहार फाइव स्टार होटलों जैसा नहीं है। थानों में परिवादियों के साथ व्यवहार अब भी अंग्रेजों के जमाने जैसा होता है। हालांकि पहले से अब काफी सुधार हुआ है लेकिन अभी और सुधार की गुंजाइश है। थानों के हालात और वर्तमान में वहां के ठाठ देखकर नहीं लगता कि पुलिस किसी तरह का सिरदर्द लेती है।
थाने के बजट से करते है सब काम
थानों में लगे एसी, फ्रीज व टीवी के बारे में दो-तीन थाना प्रभारियों से बात की तो उन्होंने दावा किया कि वह थाने को मिलने वाले बजट से ही बिल का भुगतान करते हैं लेकिन यह बात भी स्वीकार की एसी, फ्रीज, टीवी आदि जनसहभागिता से लिया जरूर गया है। वही एक पुलिसकर्मी ने तो यह तक कहां कि प्रदेश में सभी थानों की दशा सुधारने के लिए मुख्यालय से निर्देश आते हैं लेकिन थानों के बजट से सारा काम नहीं होता। जनसहभागिता और आपसी संबंधों से काम चलता है।
प्रदेश मुख्यालय का आदेश
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पुलिस आयोजना) ने पिछले महीने प्रदेश के सभी रेंज महानिरीक्षकों को पत्र लिखकर पुलिस थानों में अवैध रूप से लगे एयर कंडीशनर/टीवी, फ्रीन व अन्य इलेक्ट्रोनिक्स आइटमों को हटवाने एवं सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश लिदिए थे। इसी संदर्भ में अब रेंज आइजी ने सभी पुलिस अधीक्षक को आदेशित किया है कि जहां-जहां एयर कंडीशनर/टीवी, फ्रीन व अन्य इलेक्ट्रोनिक्स आइटमों का ब्यूरो भेजे और इनका भुगतान का प्रभार किसके द्वारा किया जा रहा है, इस बारे में अवगत कराएं।
कई तरह के लगते हैं आरोप
प्रदेश के थानों में स्टिंग ऑपरेशन किए गए और परिवादियों से मिल रही शिकायतों में एक बात कॉमन रही वह थी थानों में अभद्र व्यवहार की। थाने में परिवादियों को रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद किसी न किसी बहाने घंटों बैठाए रखा जाता है। इसके बावजूद परिवादियों से पुलिस का सद्व्यवहार नहीं होता। थानों में रसूखात व जनप्रतिनिधयों का हस्तक्षेप अधिक रहता है। यह भी शिकायत थी कि थानों में जनसहभागिता के नाम पर दो नंबर का काम करने वाले रुपए का इन्वेसमेंट करते है और बाद में वह थानों के काम में हस्तक्षेप करते हैं, जिससे पुलिस की छवि खराब होती हैं।
इसलिए पड़ रही जरूरत
थानों में होटलों जैसे ठाठ-बाठ से पुलिस की कार्यशैली प्रभावित हो रही है। आरामदय होने से पुलिस अधिकारी-कर्मचारी आलसी हो रहे हैं। एसी में रहने के कारण गर्मियों में वे बाहर जाने से कतराते हैं वहीं सदिर्यों में काम से जी चुराते हैं। इतना ही नहीं एसी के कारण पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
७० फीसदी थानों में एसी, टीवी व फ्रीज
बीकानेर रेंज में कुल ९४ थाने हैं, जिनमें से ७० फीसदी थानों में एसी, टीवी व फ्रीज सहित अन्य इलेक्ट्रोनिक आइटम लगे हुए हैं। कई-कई थानों में तो दो-दो एसी लगे हुए हैं। इतना ही नहीं आज तक इलेक्ट्रोनिक चूल्हे का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सर्दी में गीजर, रुम हीटर का भी उपयोग होता है।
एक नजर इधर..
– बीकानेर रेंज में कुल थाने १२७
– बीकानेर में सात सर्किल, २८ थाने
– चूरू पांच पुलिस सर्किल, २१ थाने
– हनुमानगढ़ में पांच सर्किल, १७ थाने
– श्रीगंगानगर में छह सर्किल, २८
मांगा है जवाब
एसी, फ्रीज व टीवी कहां-कहां और किस थाने में लगे हैं। इनका भुगतान की प्रक्रिया क्या रही, इसके बारे में पुलिस अधीक्षकों से जानकारी मांगी गई है। अगर नीति गत नहीं लगे हैं तो उन्हें हटवाकर सीसीटीवी लगवाए जाएंगे।
प्रफुल्ल कुमार, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज
Source: Education