CORONA VACCINE : कोरोना वैक्सीन को लेकर आप भी आशंकित हैं, तो इन बातों को जान लीजिए
कोरोना के वैश्विक प्रकोप के बाद अब धीरे-धीरे टीकाकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, लेकिन कई जगह वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाए जा रहे हैं। इसको लेकर लोगों में कुछ चिंताएं भी हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है। जानिए ऐसी ही आशंकाओं से जुड़े पांच सवाल और चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह-
1. क्या टीका संक्रमित हुए लोगों को ही लगवाने की आवश्यकता है?
Do only the people infected with the vaccine need to be administered?
वैक्सीन को लेकर एक आम धारणा बन रही है कि यह उन्हीं लोगों के लिए है, जो संक्रमित हुए हैं या जिन्हें जोखिम है। जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता और वरिष्ठ नागरिक। यह बिल्कुल गलत तर्क है। अमरीका का उदाहरण ही लें, कोरोना से जान गंवाने वालों में तीन लाख 20 हजार के लगभग युवा और गैर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग थे। टीका जितने अधिक लोगों को लगेगा, इसका असर भी उतना ही व्यापक होगा। क्योंकि हर्ड इम्युनिटी अथवा सामुदायिक प्रतिरक्षा तभी संभव है, जब बड़ी आबादी का टीकाकरण हो। क्योंकि जितने ज्यादा लोग इम्यून होंगे, वायरस के संक्रमण का खतरा उतना ही कम होगा।
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2. यदि बाद में भी मास्क पहनना है तो टीके की क्या आवश्यकता है?
What is the need for a vaccine if you have to wear a mask later?
वैक्सीन लेने वालों को भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए। अभी कुछ समय के लिए मास्क जरूरी है। वैक्सीन लक्षण वाले रोगियों के लिए 94 फीसदी तक प्रभावी हैं। लेकिन अभी यह ज्ञात नहीं है कि यह अनजाने संक्रमित से वायरस का खतरा समाप्त कर सकता है। यह ध्यान रखें कि टीकाकरण हमें सामुदायिक प्रतिरक्षा प्रदान करता है। टीकाकरण से अधिकांश आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित होने के बाद मास्क से छुटकारा पाया जा सकता है। यह 2021 के अंत तक संभव है, लेकिन तब तक टीकाकरण ही उपाय है। जीवन और अर्थव्यवस्था को बचाने में टीकाकरण बड़ी भूमिका निभाएगा।
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3. टीका कितना सुरक्षित और प्रतिरक्षा तंत्र को कैसे मजबूत करता है ?
How safe is the vaccine and how does it strengthen the immune system?
हर टीके का परीक्षण तीन चरणों में किया गया है, जिसमें हजारों वॉलंटियर्स ने भाग लिया। इसकी परख होने के बाद ही आप तक पहुंचेगा। आरएनए तकनीक से चिंतित लोग जान लें, यह कैसे काम करता है? मैसेंजर आरएनए आनुवांशिक कोड का एक हिस्सा है, जो कोशिकाओं को बताता है कि प्रोटीन कैसे बनाया जाए, ताकि प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत हो। खास बात यह है कि टीके का आरएनए ना तो कोशिकाओं के मध्य प्रवेश करता और ना डीएनए से संपर्क करता है। परीक्षण में सामने आया है कि किसी भी टीके में जीवित वायरस नहीं है, इसलिए वैक्सीन से वायरस का खतरा नहीं है। टीके की जांच और अनुमोदन में कोई जल्दबाजी नहीं की गई है।
4. टीका कितने दिन हमारी रक्षा करेगा? (How many days will the vaccine protect us?)
मॉर्डना वैक्सीन ने 119 दिन के लिए मजबूत एंटीबॉडी का दावा किया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टीके की प्रतिरक्षा एक वर्ष हो सकती है। वैक्सीन को संभावित म्यूटेशन को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। हालांकि यह संभव है कि अधिक म्यूटेशन मौजूदा टीकों की शक्ति को कम कर सकता है। टिटनेस या एन्फ्लूएंजा की तरह इसे नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी वैक्सीन लेने वालों को भी भविष्य में इसकी जरूरत को नजरअंदाज नहीं करना होगा।
Source: Health