ज्योतिष के सबसे खतरनाक रत्न : जो जीवन को बेहद खास बनाने के साथ ही कर सकते है बर्बाद
ब्रह्माण्ड में घूम रहे सभी ग्रहों का हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है और इसी के आधार पर ज्योतिष हमें आने वाले समय के सम्बन्ध में या तो सतर्क करता है या कोई ख़ुशख़बरी देता है, आपको ये भी पता ही होगा कि ज्योतिष में इन ग्रहो के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए ही रत्नो का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिंन क्या आप जानते हैं कि कभी कभी ये रत्न हमारे जीवन को सवारने की बजाय बिगड़ तक देते हैं।
दरअसल ऐसा तब होता है जब हम किसी रत्न को या तो मर्जी से , या बिना नियमो के या बिना किसी जानकर की सलाह के धारण कर लेते हैं। जानकारों के अनुसार ये रत्न इतने ताकतवर होते हैं जो शनि , गुरु आदि ग्रहो के दुष्प्रभावों को तक रोक देते हैं। तो ऐसे में एक गलती कितनी भारी हमे पड़ सकती है ये तो व्यक्ति समाज ही सकता है।
जानकारों के मुताबिक ये रत्न तब ही ग्रहण किये जाते है जब किसी गृह के दुष्प्रभाव से बचना हो या किसी ग्रह को मजबूत करना हो , ऐसे में कौन सा ग्रह आपको क्या परिणाम देगा, ये कोई जानकर ही बता सकता है। न कि आप स्वयं खुद को… इन्ही सब बातो को देखते हुए हम आपको दो ऐसे रत्नो के बारे में बता रहे हैं जो ज्योतिष के सबसे खतरनाक रत्न माने गए हैं।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार यदि आप भी जीवन की बड़ी परेशानियों से बचना चाहते हैं तो सोच समझकर और किसी जानकर की सलाह पर ही रत्न धारण करे। ज्योतिष में दो रत्न सबसे ज्यादा शक्तिशाली (Most powerful and dangerous Gemstone) भी होते हैं और खतरनाक भी. इनमें पहला रत्न है नीलम और दूसरा है हीरा…
नीलम रत्न की खासियत
नीलम शनि का मुख्य रत्न है, मूलतः वायु तत्व को नियंत्रित करता है। इसका रंग सामान्यतः नीला होने के कारण इसको नीलम कहा जाता है। इसका एक नाम शनिप्रिय भी है जो बाद में “सैफायर” हो गया। यह कुरुन्दम समूह का रत्न है और माणिक्य के साथ पाया जाता है। शनि से लाभ लेने और उसको संतुलित करने के लिए इसको धारण किया जाता है। इसको धारण करने में बड़ी सावधानियां रखनी चाहिए। बिना ठीक-ठीक जांच और सलाह के इसको धारण करना सबसे ज्यादा खतरनाक है। गलत सलाह से नीलम पहनने से जीवन छिन्न भिन्न भी हो सकता है। ये तक़रीबन 24 घंटे में ही अपना असर दिखाना शुरू कर देता है।
नीलम धारण करने के नियम-
ध्यान रहे बिना कुंडली के तत्वों और शनि को जाने नीलम न पहनें। पहनने से पहले नीलम की जांच कर लें। प्रयास करें कि इसको लोहे अथवा चांदी में धारण करें। सोने में धारण करना बहुत अनुकूल नहीं होगा। नीलम को शनिवार मध्य रात्रि में धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। नीलम को बायें हाथ में पहनें और इसके साथ जल तत्व का रत्न जरूर धारण करें। चौकोर नीलम पहनना ज्यादा अच्छा और शुभ होता है। इसे धारण करने से पहले भगवान शिव और शनि देव को इसको जरूर समर्पित करें।
हीरा क्यों है खास ?
हीरा को रत्नों में सबसे मूल्यवान और कठोर माना जाता है। आम व्यक्ति इसे सौन्दर्य और कीमत के कारण खूब प्रयोग करते हैं। यह ज्योतिष में शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। इसको धारण करने से सुख , सौन्दर्य और सम्पन्नता प्राप्त होती है। यह वैवाहिक जीवन और रक्त पर सीधा असर डालता है। शुक्र से लाभ लेने के लिए और जीवन में ग्लैमर बढाने के लिए यह रत्न अचूक होता है।
हीरा पहनने में सावधानियां
बिना परामर्श के केवल फैशन और दिखावे के लिए हीरा कभी भी धारण न करें। अगर मधुमेह या रक्त की समस्या है तो भी हीरा धारण न करें। उम्र के 21 वर्ष के बाद और 50 वर्ष के पूर्व ही हीरा धारण करना अच्छा माना जाता है। अगर दाम्पत्य जीवन में समस्याएं हैं तो हीरा धारण करने से अचानक बढ़ सकती हैं। हीरा जितना ज्यादा सफ़ेद हो उतना ही अच्छा होगा। दाग वाला हीरा या टूटा हुआ हीरा अपयश या दुर्घटना का कारण बन सकता है। हीरे के साथ मूंगा या गोमेद चरित्र पतन दे सकता है, अतः ऐसा भूल कर भी न करें।
Source: Religion and Spirituality