पूरे राज्य में दिखाई जाएगी राम मंदिर की झांकी, मुख्यमंत्री योगी ने दिए निर्देश
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय समारोह में प्रथम पुरस्कार पाने वाली राम मन्दिर की झांकी को पूरे राज्य में दिखाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर की झांकी की प्रतिकृति को प्रदेश में गांव-गांव में घुमाया जाएगा। जहां-जहां से राम मन्दिर की झांकी गुजरेगी, लोग दर्शन कर पुष्पवर्षा करेंगे। सीएम ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की असीमित संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में उत्तर प्रदेश की झांकी को मिले प्रथम पुरस्कार से राज्य के सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा। अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर की थीम पर बनी झांकी को सूचना एवं जनसंपर्क और संस्कृति विभाग ने तैयार कराया था।
संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर ने बताया कि झांकी में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के साथ अयोध्या की संस्कृति, परंपरा, कला और विभिन्न देशों से अयोध्या और भगवान राम के संबंधों का चित्रण किया गया है। भगवान राम द्वारा निषादराज को गले लगाने और शबरी के जूठे बेर खाने, अहिल्या का उद्धार, हनुमानजी द्वारा संजीवनी बूटी लाने, जटायु और राम संवाद, लंका की अशोक वाटिका सहित रामायण से जुड़े अन्य दृष्यों का जीवंत चित्रण किया गया है।
नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री किरन रिजूजू ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और विभाग के निदेशक शिशिर को यूपी की राम मन्दिर की झांकी के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सहगल और शिशिर ने देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पुरस्कार सौंपा था। झांकी के लिए गीतकार वीरेंद्र सिंह ने …जहां अयोध्या सियाराम की देती समता का संदेश, कला और संस्कृति की धरती धन्य धन्य उत्तर प्रदेश। गीत तैयार किया। निर्णायक मंडल ने इस गीत को ही सबसे अधिक अंक प्रदान किए है।
आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे महर्षि वाल्मीकि
उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि झांकी में प्रदेश की बेहद संपन्न विरासत और संस्कृति की झलक दिखाई गई है। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर मॉडल के अलावा रामायण के प्रमुख दृश्य और रामायण की रचना करते हुए महर्षि वाल्मीकि भी आकर्षण का केंद्र रहे। शबरी के जूठे बेर खाते हुए प्रभु श्रीराम के साथ अन्य दृश्य और संगीत के जरिये सामाजिक समरसता का संदेश देने की कोशिश की गई है। सूचना निदेशक ने इस उपलब्धि को टीमवर्क का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि गीतकार वीरेंद्र सिंह के गीत को खास तौर से निर्णायक मंडल ने सर्वाधिक नंबर दिए। विविड कंपनी के निर्देशन में तैयार झांकी को मथुरा के कलाकारों ने जीवंत रूप दिया है।
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