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कोरोना गाइडलाइन : जिंदगी का सफर, तीन घंटे में कैसे बनेंगे हमसफर, विवाह की समय सीमा ने बढ़ाई फिक्र

ajmer अजमेर. आखिर जिंदगी का सवाल है। बरसों जिसके साथ जीना है। उसको मात्र तीन घंटे में विवाह कर कैसे घर ला पाएंगे। मेहमान भले ही गिनती के आएं,लेकिन खाना व नाश्ते में समय तो लगता है। फिर हलवाई, टैंट और बैण्डबाजे वाले हजारों रुपए क्या कुछ मिनटों में ही ले जाएंगे। पंडित सात फेरे भी कराएगा। इससे पहले दूल्हा तोरण भी मारेगा। विवाह की दूसरी रस्मे भी निभानी है। यह सब मात्र तीन घंटे में करना टेढ़ी खीर साबित हो रही है।

कोरोना संक्रमण और कफ्र्यू ने शादियों का मजा किरकिरा कर दिया है। तीन घंटे में शादी-समारोह निबटाने की सरकारी गाइडलाइन से आयोजक, पुरोहित और टेंट-कैटरिंग सहित अन्य लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। कई हलवाइयों-कैटर्स को बड़े ऑर्डर कैंसिल करने पड़ रहे हैं।

चैत्र माह में 21 अप्रेल से मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है। सर्वाधिक सावे 25 अप्रेल के हैं। इस दौरान सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। तीन घंटे में शादी-समारोह को लेकर आयोजक सहित टैंट केटरिंग व्यवसायी, पुरोहित, हलवाई परेशान हैं।

30 हजार लोगों को रोजगार

अजमेर जिले में करीब 700 से अधिक टेंट व्यवसायी, 350 से ज्यादा हलवाई-केटरर्स हैं। इनसे 30 हजार लोगों प्रत्यक्ष-परोक्ष रोजगार मिला हुआ है। जिनमें फ्लावर डेकोरेशन, डीजे साउन्ड, लाइट-बैंड और अन्य शामिल हैं। अधिकांश हलवाइयों ने कोरोना संक्रमण और सख्त पाबंदियों के चलते बड़े ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं। कैटरर्स का कामकाज करने वाले हरीश कुमार ने बताया कि सिर्फ शादियों में ५० लोगों को अनुमत करने से कैटर्स और हलवाइयों को नुकसान हो रहा है।

सीएम को बताई पीड़ा

अजमेर टेंट डीलर्स समिति ने मुख्यमंत्री को ई-मेल पर पत्र भेजा है। अध्यक्ष चरणजीत सिंह और महामंत्री मोहम्मद अजीम ने बताया है, कि पचास लोगों की सीमा और तीन घंटे में शादी-समारोह के आयोजन से परेशानी बढ़ेगी। कम समय सीमा में टेंट लगाना, कार्यक्रम का आयोजन बहुत मुश्किल है। इससे नुकसान हो रहा है। सरकार को तत्काल कोई ठोस कदम उठाने चाहिए।

फेरे में ही लगता समय

शादियों की सीमा तय होने से पुरोहितों की परेशानी भी बढ़ गई है। पुरोहितों ने दो या अधिक शादियों में पाणिग्रहण संस्कार कराना तय किया है, उनके लिए एक से दूसरे स्थान जाना आसान नहीं है। पंडित घनश्याम आचार्य, द्वारकानाथ और अन्य पुरोहितों की मानें तो वैदिक मंत्रों से फेरों में ही काफी वक्त लगता है। ऐसी स्थिति में तमाम संस्कार जल्दबाजी कराने होंगे। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने पुरोहितों को यजमान के यहां फेरे के वक्त जाने के लिए शादी कार्ड साथ रखने को कहा है।



Source: Education