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Hanuman Jayanti 360 साल बाद हनुमान जयंती पर बन रहा सूर्य भरणी योग

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ Hanuman Jayanti इस बार 27 अप्रैल मंगलवार को हनुमान जयंती है। हनुमान जयंती पर इस बार 360 साल के बाद सूर्य भरणी योग Surya Bharani Yoga बन रहा है। पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार माता अंजनी के गर्भ से पवन पुत्र अवतरित हुए। चैैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की सेवा व भक्ति के लिए इस पृथ्वी पर वायु पुत्र हनुमान का जन्म मंगलवार को हुआ।

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इस बार भी दिनांक 27 अप्रैल को भी मंगलवार ही है। इस प्रकार मंगलवारीय हनुमान जयंती स्वाति नक्षत्र के सिद्धि योग, कुमार योग में ये चैत्र पूर्णिमा उतनी विराट रूप में हो गई है कि वैशाख, कृष्ण पक्ष प्रथमा तिथि पड़वा का क्षय ही हो गया है। इस हनुमान जयंती पर चंद्रमा मित्र तुला राशि पर तथा सूर्य अपनी उच्च मेष राशि पर गोचर में होंगे तथा बव, बालव, व कौलव, तीन करण युक्त हैं ये हनुमान जयंती सूर्य भरणी में तथा बुद्ध उदय एवं हरिद्वार कुंभ शाही सना राक्षस नामक संवतसर का प्रारंभ पक्ष ऐसे योग हनुमान जयंती पर 360 वर्षों बाद पड़ रहा हैं।

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चैत्र शुक्ल नवमी तिथि रामनवमी को जन्मे थे श्रीराम और ठीक पांच दिन बाद अवतारित हुए थे राम भक्त हनुमान जिन्होंने भगवान के प्रति भक्ति व सेवा का हम मनुष्य को प्रेरणा दी। इसलिए कहा जाता है कि भक्त शिरोमणि हनुमान ज्ञान गुण सागर तथा वायु से बढ़कर बलवान हैं । जब तक पृथ्वी है तब तक पृथ्वी पर हम लोगों के उद्धार के लिए सशरीर विराजे रहेंगे चिरंजीवी हनुमान और जहां भी राम कथा हो रही होगी वहां वह किसी ना किसी रूप में उपस्थित होंगे।।

इस हनुमान जयंती पर करें ये विशेष

हनुमान जी की पूजा प्रातः अवश्य करें, हनुमान जी को केवल चढ़ाये पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, हजारा गुलाब। स्त्री वाचक फूलों को जैसे जूही, चमेली चंपा बेला आदि प्रसाद के रूप में भोग लगाये विशेष रुप से चूरमा, केला, अमरूद का हनुमान जी को सिंदूर का अथवा लाल कपड़े का चोला चढ़ाये प्रातः सुबह ही। गाय के घी का पंचमुखी दीपक अर्पित करें। दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज ना खाये। सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए प्रातः स्नान करते समय हल्दी जल में मिलायें और लौकी अथवा अपामार्ग वृक्ष की 9 इंच लंबी लकड़ी अपने मस्तक पर 7 बार घुमाकर स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर विसर्जित कर दें। ऊर्जा उत्साह और बल प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदरकांड आदि का पाठ उत्तम है।

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Source: Education