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किताबें नहीं, लाइब्रेरी भी लॉक… कैसे हो परीक्षा की तैयारी

इंदौर. लॉकडाउन ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है। इन्हें न तो किताबें मिल पा रही हैं और न ही वे ग्रुप डिस्कशन कर पा रहे हैं। ऑनलाइन मटेरियल ही इनकी तैयारी का एकमात्र सहारा है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी पिछले मार्च से ही बंद है। लंबी अवधि तक लाइब्रेरी में तालाबंदी के कारण छात्रों को कई विषयों की किताबें नहीं मिल पाई। सबसे ज्यादा असर उन्हें पड़ा जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और किताबों के लिए पूरी तरह से लाइब्रेरी पर ही निर्भर थे। किताबों के अभाव में इनकी तैयारी ठप पड़ी हुई है। आने वाले दिनों में होने वाली प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं में पीएससी राज्य सेवा परीक्षा, राज्य अभियांत्रिकी सेवा, पीईबी की आरक्षक भर्ती और यूपीएससी के साक्षात्कार शामिल है।
पीएससी की तैयारी कर रहे अभिनव जोशी ने बताया, किताबों की जगह कोई दूसरा माध्यम नहीं ले सकता। पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कोर्स मटेरियल का विकल्प है मगर घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठकर पढऩा संभव नहीं है। इससे तैयारी ठीक से नहीं हो पा रही। अभियांत्रिकी सेवा का आवेदन करने वाले राहुल बनौधा ने बताया, लाइब्रेरी खुलने का इंतजार करते हुए सालभर हो गया। किताबें इतनी महंगी है कि सभी नहीं खरीदी जा सकती। ऑनलाइन मोड से तैयारी करने में मन ही नहीं लगता।
आत्मविश्वास खोने लगे होनहार
एक्सपर्ट डॉ. अवनीश पांडे ने बताया, किताबों की कमी तो बनी ही हुई है। लंबे लॉकडाउन के चलते अच्छी तैयारी कर चुके छात्र भी अपना आत्मविश्वास खोने लगे है। बार-बार परीक्षाएं स्थगित होने का असर भी नतीजों को प्रभावित करेगा। बेहतर होगा कि छात्र अब तक की गई पढ़ाई का रीविजन करें और खुद की तैयारी पर पूरा भरोसा रखें।
जीडी से मिलती है इंटरव्यू में मदद
योगिता श्रीवास्तव ने बताया, कोचिंग क्लास बंद होने से किताबें नहीं मिल पा रही। दोस्तों के साथ किताबें एक्सचेंज कर पढ़ाई के साथ-साथ इंटरव्यू की भी तैयारी हो रही थी। इस लॉकडाउन में ग्रुप डिस्कशन नहीं हो पा रहा है। इससे इंटरव्यू की तैयारी के लिए मदद नहीं मिल पा रही। कोविड गाइडलाइन का पालन कराते हुए लाइब्रेरी खुलने की अनुमति दे दी जाना चाहिए।



Source: Education

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