लॉकडाउन में भजन मंडली का काम छूटा ,सब्जी बेचने की मजबूरी
धौलपुर. कोरोना का कहर हर वर्ग पर पड़ा है। कोरोना के चलते प्रदेश में लगाए गए लॉकडाउन तथा सभी धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक के चलते अब ऐसे लोग बेरोजगार हो गए हैं, जो वाद्य यंत्र बजाकर अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ करते थे। अब उन्हें सब्जी बेचने का काम करना पड़ रहा है।
ऐसा ही मामला सामने आया है धौलपुर के शाहरुख खान का। वह भजन-कीर्तन मण्डलियों में वाद्य यंत्र बजाता था, लेकिन अप्रेल माह में ऐसे धार्मिक आयोजन सरकार ने बंद कर दिए गए। वहीं मण्डली का कार्य मिलना बंद हुआ तो हाथ का हुनर कढ़ाई-बुनाई का कार्य शुरू कर दिया, लेकिन शादी-विवाहों पर भी सख्ती करने के लिए अधिक काम नहीं आया।
ऐसे में शाहरुख के पास परिवार चलाने के लिए कोई कार्य नहीं बचा। ऐसे में लॉकडाउन में ठेले पर सब्जी बेचने का कार्य शुरू कर दिया। शाहरुख अब मुख्य कार्य भजन-कीर्तन, गायन व कपड़ों पर कढ़ाई छोड़कर इन दिनों परिवार का पालन करने के लिए सब्जी बेच रहे हैं।
एडवाइजरी की पालना
सब्जी बेचने के दौरान शाहरुख खान द्वारा पूरी तरह से अपनाई जा रही है। शाहरुख गाइड लाइन के अनुसार सिर को कवर किए हुए रखते हैं। मुंह पर मास्क लगा हुआ रहता है। हाथ में ग्लब्स पहनते हैं। साथ ही सैनिटाइजर की बोतल ठेले पर रखे रखते हैं। ंसब्जी देने से पहले वे ग्राहकों के हाथों को सैनिटाइज भी कराते हैं। खुद भी बार-बार हाथों को सैनिटाइजर करते रहते हैं। शाहरुख ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पूरा देश परेशान है।
सुयोग्य नागरिक का फर्ज अदा करते हुए सरकारी गाइडलाइन की पालना जरूरी है। वह नियमित रूप से इसी प्रकार सब्जी बेचते हैं। गाइडलाइन की पालना करने से उनकी सब्जी को ग्राहक Óयादा पसंद करते हैं और सारी सब्जी दोपहर तक बिक जाती है। उन्होंने बताया कि लोगों में कोरोना काफी भय है और वे सब्जी खरीदते समय इस बात का भी विशेष रूप से ध्यान रखते हैं कि सब्जी बेचने वाले पूर्ण रूप से सुरक्षित है या नहीं। अन्य दुकानदारों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
Source: Education