क्रिकेट के इन 10 नियमों में बदलाव चाहता है ये पूर्व भारतीय दिग्गज बल्लेबाज
नई दिल्ली। क्रिकेट 1877 में हुआ था, जिसके बाद फॉर्मेट के हिसाब से इस खेल में रोमांच पैदा करने के लिए कई बार नियमों में बदलाव किया जा चुका है। कुछ नियम ऐसे भी जिसके चलते विवाद भी खड़ा हो चुका है और साथ ही ये आरोप भी लगे ही क्रिकेट बल्लेबाजों के लिए आसान और गेंदबाजों के लिए मुश्किल हो गया है। अब टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में क्रिकेट के इन 10 नियमों को बदलने की सिफारिश की है।
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1-आकाश चोपड़ा ने कहा कि क्रिकेट में चौके और छक्के की तरह ही 8 रन का शॉट भी लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी 100 मीटर या उससे लंबा SIX मारता है तो उसे 8 रन मिलने चाहिए।
2-वनडे क्रिकेट में सिर्फ एक ही तरह की गेंद का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अब ताजा नियमों के मुताबिक 2 नई गेंदों का इस्तेमाल होता है। जिसकी वजह से डेथे ओवरों में और ज्यादा रन बनने लगे। तेज गेंदबाजों का सबसे मजबूत हथियार रिवर्स स्विंग ही उनसे छीन गया है। साथ ही स्पिनर्स को भी पुरानी गेंद नहीं मिलने से नुकसान हुआ।
3-अगर कोई गेंदबाज बाउंसर फेंकता और वह बल्लेबाज के सिर के उपर से जाती है और अंपायर उसे वाइड देता है तो फिर उसे उस ओवर की बाउंसर गेंद में नहीं गिना जाना चाहिए।
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4-खेल से लेग बाई हटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा यह खेल गेंद और बल्ले का है अगर गेंद बल्लेबाज के पैरों में लगती है तो उसे रन नहीं मिलना चाहिए।
5-अंपायर को तभी किसी बल्लेबाज को आउट देना चाहिए जब गेंद डेड हो जाए। अगर अंपायर किसी बल्लेबाज को आउट दे और वो गेंद चौके लिए जाए और डीआरएस में वो खिलाड़ी नॉट आउट करार हो तो टीम को रन नहीं मिलते। उस गेंद को डेड माना जाता है।
6-अच्छी फॉर्म में चल रहे गेंदबाज को एक अतिरिक्त ओवर फेंकने देने का नियम बनना चाहिए। जब एक बल्लेबाज पूरे 20 और 50 ओवर खेल सकता हैं तो एक गेंदबाज को 10 या 4 ओवर ही क्यों मिलते हैं। अगर मैच के दौरान कोई गेंदबाज बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो उसे अतिरिक्त ओवर देने का विकल्प होना चाहिए।
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7-अगर कोई टीम निर्धारित समय में ओवर पूरे नहीं कर पाती है तो उसे एक और अतिरिक्त खिलाड़ी 30 गज के अंदर लाने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए।
8-अगर गेंद लगने के बाद एलईडी लाइट्स नहीं गिरती है तो भी बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए।
9-30 गज के बाहर अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल पर रोक लगानी चाहिए। अंपायर को कैसे पता चलेगा कि खिलाड़ी का पांव बाउंड्री पर लगा या नहीं।
10-मैदानी अंपायर को हर फैसले पर तीसरे अंपायर से मदद लेने का अधिकार होना चाहिए। साथ तीसरे अंपायर के पास मैदानी अंपायर के फैसले को पलटने की शक्ति होनी चाहिए।
Source: Sports