Special day Sunday: सूर्य ग्रहण के ठीक बाद आ रहे पहले रविवार के दिन, ऐसे बनाएं अपने सूर्य को बलवान, मिलेगा मान-सम्मान के साथ ही आकूत धन!
ज्योतिष के नौ ग्रहों में सूर्य को अत्यंत महत्व देने के साथ ही इसे ग्रहों का राजा माना गया है। यह एकमात्र ग्रह है जो कभी वक्री गति नहीं करता है। ज्योतिष के मुताबिक वह सूर्य ही है जो आपकी कुंडली में मान-सम्मान के साथ ही अपमान का भी कारक होता है।
वहीं आपके प्रमोशन में भी इसका खास सहयोग माना गया है। ऐसे में किसी भी कुंडली में सूर्य का मजबूत होना व्यक्ति को प्रभावशाली बनाने के साथ ही काफी हद तक आर्थिक मजबूती भी प्रदान करता है।
वहीं ग्रहों में राहु ही सूर्य का ग्रास कर ग्रहण का योग बनाता है और वर्तमान में ग्रहों की दशा व दिशा के हिसाब से इस समय राहु व सूर्य दोनों एक ही राशि यानि वृषभ में विराजमान हैं। एक ओर जहां राहु यहां मदमस्त स्थिति में है, वहीं सूर्य भी अभी ग्रहण से उबरे हैं।
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ऐसे में ज्योतिष के जानकार एसके पांडे का कहना है कि इस साल 2021 में 10 जून को लगे सूर्य ग्रहण के बाद 13 जून को आ रहे पहले रविवार के दिन सूर्य को प्रसन्न कर आप अपने मान सम्मान में बढ़ौतरी कराने के साथ ही अपनी आय में भी इजाफे के लिए कई तरह के प्रयोग कर सकते हैं।
दरअसल माना जाता है कि ग्रहण के बाद सूर्यदेव कमजोर हो जाते हैं और वहीं अब ये 15 जून को मिथुन राशि में जाने वाले हैं। ऐसे में मिथुन राशि में जाने से पहले ही सूर्य को प्रसन्न करने से अच्छे लाभ मिलने की संभावना है।
ये है कारण…
दरअसल शास्त्रों के अनुसार सूर्य या अन्य देवों को व्यक्ति द्वारा किए गए पूजा पाठ के अंश से ही बल मिलता है। ऐसे में सप्ताह के दिनों में रविवार का दिन सूर्य देव का माना गया है। अत: सूर्य की मजबूती के लिए इस बार ग्रहण के बाद कमजोर पड़े इस सूर्य को रविवार के दिन आसानी से प्रसन्न कर मजबूती प्रदान की जा सकती है।
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ऐसे में इस रविवार से शुरु कर आप हर रोज सूर्य से जुड़ी पूजा कर या उन्हें सुबह जल देने के बाद नमस्कार कर काफी हद तक अपने पक्ष में ला सकते हैं। वहीं इस रविवार को सूर्य देव के लिए किया गया यज्ञ सूर्यदेव को आपके पक्ष में लाने के लिए सबसे अच्छा तरीका बन सकता है।
जबकि पूजा को हर रोज लगातार जारी रखें, वहीं इस दिन से शुरु कर आप हर रविवार के दिन आदित्य ह्दय स्त्रोत का संकल्प भी ले सकते हैं। माना जाता है कि यह आपकी कुंडली में सूर्य के बुरे प्रभावों को हटाने के साथ ही कुंडली में सूर्य को मजबूत करेगा और आपके मान-सम्मान में इजाफा करेगा। साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में भी मदद करेगा।
रविवार ही क्यों?
दरअसल सप्ताहिक दिनों में रविवार को सूर्य देव का दिन माना गया है, और ज्योतिष के अनुसार वे ही इस दिन के कारक देव है। ऐसे में रविवार के दिन जो लोग सूर्य की विशेष पूजा करते हैं, उन्हें मान-सम्मान मिलने के अलावा दरिद्रता से भी मुक्ति भी मिल जाती है।
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मान्यता के अनुसार यदि आप रविवार के दिन सूर्य की पूजा करते हैं तो आपके जीवन की कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। ज्योतिष एके शुक्ला के अनुसार इस दिन सूर्य भगवान को जल चढ़ाना चाहिए। उसमें भी यदि रोज भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं तो सबसे अच्छा है। वहीं ये उपाय सभी सुख प्रदान करने वाला माना गया है और सूर्य नमस्कार करने से बल, बुद्धि,विद्या, वैभव,तेज, ओज,पराक्रम व दिव्यता आती है।
ऐसे दें सूर्य को अर्घ्य:
पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य के अर्घ्यदान की विशेष महत्ता बताई गई है। प्रतिदिन प्रात:काल में तांबे के लोटे में जल लेकर और उसमें लाल फूल, चावल डालकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। माना जाता है कि इस अर्घ्यदान से भगवान सूर्यदेव प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन,धान्य, पुत्र,मित्र, तेज,यश, विद्या,वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं।
सूर्य के मंत्र…
-प्रात:स्मरामि खलुतत्सवितुर्वरेण्यम् रूपंहि मण्डलमृचोथ तनुयजूंषि।
सामानियस्य किरणा: प्रभवादिहेतुंब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम।।
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या फिर इस मंत्र का जाप करें-
– ‘उदसौसूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:।
यथाहंशत्रुहोऽसान्यसपत्न:सपत्नहा।।
सपत्नक्षयणोवृषाभिराष्ट्रो विष सहि:।
यथाहभेषांवीराणां विराजानि जनस्य च।।’
-‘नमामिदेवदेवशं भूतभावनमव्ययम।
दिवाकरंरविं भानुं मार्तण्डं भास्करंभगम।।
इन्दंविष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुंविभुम।
त्रिनेत्रंत्र्यक्षरं त्र्यङ्गंत्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम।।’
सूर्य पूजा के नियम…
1. प्रतिदिन सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर और स्नान कर लेना चाहिए।
2. नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें।
3. सूर्य के मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करें।
4. आदित्यहृदय का नियमित पाठ करें।
5. स्वास्थ्य लाभ की कामना, नेत्र रोग से बचने एवं अंधेपन से रक्षा के लिए ‘नेत्रोपनिषद्’ कर प्रतिदिन पाठ करना चाहिए।
7. रविवार को तेल, नमक नहीं खाना चाहिए तथा एक समय ही भोजन करना चाहिए।
Source: Religion and Spirituality