World Suicide Prevention Day: कभी जान देने चला था…आज लोगों को बचा रहा यह शख्स
मनीष यादव @ इंदौर
कभी परेशानियों से हारकर जिंदगी खत्म करने की कोशिश की थी। सही समय पर इलाज मिला तो जान बच गई। आज उन्हें अपनी गलती का एहसास है। अब वे दूसरों को ऐसी गलती करने से रोक रहे हैं।
कपड़ा कारोबारी हरभजनसिंह साहनी ने आत्महत्या करने के लिए जहरीली दवा खा ली थी। करीबन एक महीने तक उनका इलाज चला और वे बच गए। उनके मुताबिक आर्थिक परेशानी के चलते यह कदम उठाया था, लेकिन होश आया तो परिवार का चेहरा देखा। लगा कि कितनी बड़ी गलती करने जा रहे थे। अस्पताल में जितने दिन बीते, उस दौरान दोस्तों और परिजनों ने भी उन्हें समझाया। तय कर लिया कि वे हार नहीं मानेंगे। अस्पताल से निकले तो यह सोचकर कि सभी परेशानियों से अब लडेंग़े। परेशानियों का हल सोचा और आज उनका कारोबार एक बार फिर से जम गया।
दूसरों को देने लगे समझाइश
हरभजनसिंह के मुुताबिक उन्होंने तो गलती कर दी, लेकिन किसी और को यह गलती नहीं करने देना चाहते थे। तय किया अब कोई भी हताश व्यक्ति नजर आता है तो उसकी मदद करेंगे। किसी और को आत्महत्या नहीं करनें देेंगे। एक बार पड़ोस में रहने वाले एक कारोबारी ने जीवन समाप्त करने की बात कही। इस पर उसे समझाया और अपना अनुभव शेयर किया। इसके बाद कुछ दिनों तक नजर भी रखी। इसके बाद एक और दोस्त की काउसलिंग की। उसे भी मना लिया कि वह गलत रास्ते पर नहीं चलेगा। दो जिंदगी उन्होंने बचा ली। इसके बाद यह लगा कि आसपास कई और लोग है, जिन्हें उनकी मदद की जरूरत है। इसके बाद सिलसिला शुरू हो गया। दोस्त या नातेदार हताश दिखता है, तो उसे समझाते और ध्यान रखते हैं।
आत्महत्या से पहले के 20 मिनिट महत्वपूर्ण
पुलिस अफसरों की मानें तो अवसाद में डूबा व्यक्ति आत्महत्या करने की सोचता है। जांच में यह तथ्य सामने आए कि आत्महत्या से पहले के 20 से 30 मिनिट बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। अगर इस दौरान किसी भी तरह की मदद मिल जाए, तो व्यक्ति ज्यादातर मामलों में आत्महत्या नहीं करता।
200 से ज्यादा जान बचा चुकी संजीवनी हेल्पलाइन
आत्महत्या रोकने के लिए शुरू की गई पुलिस हेल्पलाइन संजीवनी इस साल 200 के लगभग लोगों की जिंदगी बचा चुकी है। एएसपी अमरेंद्रसिंह ने बताया कि च्संजीवनी एक कदम जीवन की ओरज् हेल्पलाइन शुरू की गई है। आत्महत्या की सोच रहे व्यक्ति फोन लगाते हैं, तो उनकी काउंसलिंग की जाती है। इसके साथ उनका बाद में भी ध्यान रखा जाता है।
Source: Education