Moharram Festival : मनाई शहादत की रात, बजे ढोल-ताशे, गूंजती रही मातमी धुन
पाली। Moharram Festival 2019 : कुर्बानी और त्याग के मातमी पर्व मोहर्रम से पहले सोमवार को शहादत की रात मनाई गई। मुस्लिम मोहल्लों के साथ शहर की गलियों में देर रात तक ढोल व ताशों पर मातमी धुन गूंजती रही। हजरत इमाम हुसैन के करबला की जंग में जीवन को कुर्बान करने वाले शहीदों को याद किया गया। मोहर्रम इंतजामिया कमेटी के सैक्रेट्री मोहम्मद रफीक अब्बासी व प्रवक्ता शक़ील अहमद नागौरी ने बताया कि शहर के अलग-अलग हिस्सों से पांच मोहर्रम रात को मुकाम से उठे। जो मुस्लिम मोहल्लों में घूमे इसके बाद देर रात मुकाम पर पहुंचे। मुस्लिम भाइयों के साथ सभी धर्म के लोगों ने मोहर्रम पर फूल माला व सेहरे चढ़ाए। चूरमा व मिठाई का वितरण किया।
देर रात मुकाम पर पहुंचे मोहर्रम
मोहर्रम इंतजामिया कमेटी के सदर हाजी मोहम्मद इक़बाल तारा बाबू ने बताया कि पीठ का मोहर्रम शाम को लाइसेंसदार हाजी मोहम्मद उमर लौहार के नेतृत्व में केरिया दरवाजा पर कसा गया। जो रात को बादशाह का झण्डा जूना हवाला व नाडी मोहल्ला मिलाद चौक होते हुए रात में अपने मुकाम पर पहुंचा। इसी तरह चूड़ीगरों का मोहर्रम रूई कटला से लाइसेंसदार मोहम्मद शाहीद पिनू व हाजी मुन्नवर अली चूड़ीगर के नेतृत्व में प्यारा चौक व रांगणिया मोहल्ला होकर मुकाम पर पहुंचा। पलटन का मोहर्रम खारी बेरी जंगीवाड़ा से लाइसेंसदार मोहम्मद इल्यास कुरैशी के नेतृत्व में जंगीवाड़ा चौक होकर खरादियों का मोहर्रम कादरिया चौक नवलखा रोड से लाइसेंसदार मोहम्मद इकबाल खैरादी के नेतृत्व में खैरादी मोहल्ला, मोमिनों का वास होकर तथा जूनी पाली का मोहर्रम लाइसेन्सदार मोहम्मद यूसुफ पिंजारा के नेतृत्व में पिंजारों का वास व सिपाहियों का वास होकर मुकाम पर पहुंचा।
उस्तादों के साथ दिखाए करतब
इंतजामिया कमेटी के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम मिस्कीन ने बताया कि अखाड़ों के लाइसेंसदार हाजी फकीर मोहम्मद चढ़वा, रोशन अली मोयल, हाजी गुलाम नबी पठान, अब्दुल सत्तार पठान, हाजी इकरामुद्दीन खत्री की सरपरस्ती व हाजी हाशम अली खिलेरी, चांद मोहम्मद घोसी, हाजी घीसू मोहम्मद घोसी, हाजी मोहम्मद इकबाल खिलजी,मोहम्मद फारूक, मोहम्मद आमीन चितेरा के नेतृत्व युवाओं ने करतब दिखाए। युवाओं ने तलवार बाजी, ढांड पट्टा, आग की बन्नतिया, जलते कोयला पर नंगे पैर चलने आदि का प्रदर्शन किया। युवाओं ने अली का लश्कर या इमाम हुसैन, अली की हैदरी या अली जैसे नारे लगाए।
मुस्लिम भाइयों ने रखा रोजा
असलम खान सिन्धी ने बताया कि मुस्लिम समाज के लोगों ने द्वारा रोजा रख कर कर्बला के मैदान के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश की। मस्जिदों में नमाज अदा कर तिलावत ए कुरान की। मस्जिदों में जंगनामा पढ़ा गया। मोहर्रम में उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम राज, राजू नवाब, इरफान संजरी, मोहसीन खत्री, मोहम्मद इकबाल नगरवाला, हाजी हारून अली रंगरेज, मोहम्मद इमरान नागौरी, मुकदर अली, अकरम शाह अशरफी, आरिफ अली नवीन, सलाम शेख, यूसुफ मोयल, रफीक खान सिंधी आदि ने सहयोग किया।
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