Saturday: शनिवार के दिन ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न और पाएं कष्टों से मुक्ति
हिंदू धर्म में जहां अनेक देवी देवताओं को माना गया है। वहीं देवों को उनके द्वारा किए जाने वाले कर्मों का अधिपति भी बनाया गया है। ऐसे ही एक देव शनि भी माने गए हैं। जिन्हें god of justice न्याय का देवता माना जाता है। ये कर्मों के हिसाब से फल देने वाले दंड के विधान पर कार्य करते हैं।
दरअसल सनातन धर्म में जहां यमराज मृत्यु के देवता हैं, तो वहीं शनि भी कर्म के shani is magistrate दंडाधिकारी हैं। ऐसे में माना जाता है कि गलती कैसे भी हुई हो जानकर या अनजाने में, दण्ड तो भोगना ही पड़ेगा।
यूं तो शनि के संबंध में मान्यता है कि वे अपनी चाल से या राशि में आकर व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं। लेकिन इसमें भी सबसे बुरी स्थिति तब मानी जाती है जब किसी को शनि की ढैया या साढ़ेसाती लगी हो या फिर कुंडली में bad effects of saturn शनि के अशुभ प्रभाव के कारण वह किसी रोग से पीड़ित हो। ऐसे में कई बार शनि के क्रूर दंड का प्रहार भी देखने को मिलता है।
Must Read- शनिदेव : कहीं आप पर भारी तो नहीं? ऐसे पहचानें
ऐसी स्थिति में हर कोई शनि shani dev की कृपा पाने के साथ ही उन्हें प्रसन्न करना चाहता है ताकि उसे special grace from shani dev शनि देव से विशेष कृपा की प्राप्ति होने के साथ ही उसके सारे कष्ट दूर हो जाएं।
वैसे तो Shani शनिदेव laws of justice न्याय के विधान से बंधे होने के कारण गलत कर्मों का दंड अवश्य देते हैं, लेकिन माना जाता है कुछ अनजाने में हुई गलतियों पर अत्यधिक दंड न देते हुए दंड को सामान्य कर लेते हैं।
शनि देव के बारे में मान्यता है कि यदि वे किसी पर Shani Dev Become Happy प्रसन्न हो जाएं,तो उस व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है, और उसका घर सुख सम्पति से भर जाता है। इसके अलावा यदि Shani Maharaj शनिदेव किसी व्यक्ति पर क्रोधित हो जाएं, तो या उनकी कुदृष्टि जिस व्यक्ति पर पड़ जाती है वह व्यक्ति पल भर में राजा से रंक बन सकता है।
Must Read- चीन पर आ रहा है शनि का साया, जानें किस ओर है ग्रहों का इशारा
शनिदेव द्वारा दिए जाने वाले इसी दंड के कारण लोग सदैव उनसे भयभीत बने रहते हैं,जबकि मान्यता के अनुसार यदि व्यक्ति के कर्म अच्छे रहे हैं तो Shani dev शनि कभी भी आपको नुकसान नहीं देता हैं।
जानकारों के अनुसार शनि को प्रसन्न करने के कई उपाय हैं,लेकिन शनि की साढ़े साती या ढैया की स्थिति में या फिर शनि के malefic effects in horoscope कुंडली में अशुभ प्रभाव को घटाने के कुछ अचूक उपाय हैं, जिनमें से कुछ शनिवार को ही अपनाए जाते हैं…
1- शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। पहली रोटी उसे खिलाएं, सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली (कलावा या रक्षासूत्र) बांधे और फिर मोतीचूर के लड्डू खिलाकर उसके चरण स्पर्श करें।
2- शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को दें।
3- प्रत्येक शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पूर्व कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें।
4- शनिवार को ही अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको मांझकर(बंटकर) माला कि तरह गले में पहनें।
5- शनि ढैया के प्रभाव में कमी के लिए शुक्रवार की रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रातः उन्हें पीसकर और गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें।
6- यदि शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं तो शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती लगाएं और वहीं बैठकर क्रमशः हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल की सात परिक्रमा करें। 7- हर शनिवार को हनुमानजी के दर्शन करें, प्रत्येक शनिवार को शनिदेव को तेल चढाएं और दशरथकृत शनि स्रोत का पाठ करें।
The best remedy for Shani Dev: सबसे अचूक उपाय…
ज्योतिष के जानकार व शनि भक्त गोविंद शर्मा के अनुसार शनि का सबसे अचूक उपाय शनिवार के दिन माता काली की पूजा को माना जाता है। दरअसल माता काली को शनि ग्रह को नियंत्रित करने वाली देवी माना गया है, ऐसे में शनि के किसी भी गुस्से से बचने के लिए माता काली की शरण काफी प्रभावी मानी गई है। शनि को नियंत्रित करने वाली देवी होने के कारण इन्हें प्रसन्न करने से शनिदेव भी प्रसन्न हो जाते हैं। और कुंडली में खराब होने या बुरी दशा के बावजूद उनकी आज्ञा के बिना किसी को अत्यधिक दंडित नहीं करते।
Must Read- शनिवार का दिन है खास, जानें क्या करें और क्या न करें
अन्य उपाय…
1- दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें।
2- यदि शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का सेवन न करें।
3- घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें।
Know the position of Saturn in the horoscope by these signs : कुंडली में शनि की स्थिति, इन लक्षणों से पहचानें
जानकारों के अनुसार यदि घर में तेल, राई, दाले फैलने लगे या नुकसान होने लगे, अलमारी हमेशा अव्यवस्थित होने लगे, भोजन से बिना कारण अरूचि होने लगें, सिर व पिंडलियों में या कमर में दर्द बना रहे, परिवार में पिता से अनबन होने लगे, पढ़ने-लिखने से या लोगों से मिलने से उकताहट होने लगे, चिड़चिड़ाहट होने लगे,शरीर में हमेशा थकान व आलस भरा लगे, नहाने-धोने से अरूचि हो या नहाने का वक्त ही न मिले, नए कपड़े खरीदने या पहनने का मौका न मिले, नए कपड़े व जूते जल्दी-जल्दी फटने लगें तो यह सभी स्थितियां शनि ग्रह की अशुभता की ओर इशारा करती हैं।
Must Read- आज है माता काली का दिन शनिवार, जाने कैसे पाएं देवी मां का आशीर्वाद
Daily Remedies for Saturn Planet : शनि ग्रह के दैनिक उपाय –
1. हनुमान चालीसा का पाठ नित्य करें।
2. सोलह सोमवार व्रत करें।
3. स्फटिक या पारद शिवलिंग पर नित्य गाय का कच्चा दूध चढ़ाएं फिर शुद्ध जल चढ़ाऐं और ओम् नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
4. प्रदोष व्रत रखें।
5. शनि ग्रह की शांति के लिए हर शनिवार को पीपल के पेड मे सरसों के तेल का दीपक लगाएं।
7. शनि की होरा मे जलपान नही करें, साथ ही काले कपडे न पहने।
8. घोडे की नाल का छल्ला पहनना चाहिए।
9. हनुमानजी के समक्ष संकटमोचन का पाठ करना चाहिए।
Saturday fasting method: शनिवार के व्रत की विधि
शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा का विधि से पूजन करना चाहिए। शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवंती के फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पित करने चाहिए।
Must Read- July 2021 Festival List – जुलाई 2021 में कौन-कौन से हैं तीज त्यौहार? जानें दिन व शुभ समय
शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए। पूजा के बाद उनसे अपने अपराधों व जाने-अनजाने जो भी पाप हुए हों, उसके लिए क्षमा मांगें। इनकी पूजा के बाद राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए। इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल चढ़ाना चाहिए और सूत बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
शाम को शनि मंदिर में जाकर दीप भेंट करना चाहिए और उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाना चाहिए। काली चींटियों को गुड़ व आटा देना चाहिए। इस दिन काले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। श्रद्धा से व्रत करने से शनि का कोप शांत होता है।
(माना जाता है कि यह व्रत शनि गृह की अरिष्ट शांति और शत्रु भय, आर्थिक संकट, मानसिक संताप का निवारण करने के साथ ही धन धान्य और व्यापार में वृद्धि करता है।)
ये व्रत शुक्ल पक्ष के शनिवार विशेषकर श्रवण मास शनिवार के दिन लोह निर्मित शनि की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करा कर धूप गंध, नीले पुष्प, फल , तिल, लौंग, सरसों का तेल, चावल, गंगाजल, दूध डाल कर पश्चिम दिशा की ओर अभिमुख होकर पीपल वृक्ष की जड़ में डाल दें।
Source: Dharma & Karma