मिलावटखोरी और बिजली पर फोकस, लंबित शिकायतों पर नाराजगी, देरी से पहुंचे सतना CMHO को बैठक से किया बाहर
सतना/ रीवा एवं शहडोल संभाग की समीक्षा के लिए पहुंचे मुख्य सचिव सुधी रंजन मोहंती ने मिलावटखोरी के मामलों की समीक्षा की। पाया कि यहां एक भी एफआईआर या एनएसए के प्रकरण दर्ज नहीं हैं। अभियान के तहत अब तक की कार्रवाई को असंतोषजनक बताते हुए कहा कि दिखावटी कार्रवाई नहीं चाहिए। सतना कलेक्टर से आपकी सरकार आपके द्वार मामले में पूछ लिया कि आप बरौंधा, चितहरा, रामनगर और उचेहरा ब्लाक के परसमनिया गए जहां कभी राजा की ज्यादती होती थी। बैठक में उन्होंने सीएम कार्यालय से भेजे गए प्रकरणों के सतना में धीमे निराकरण पर आपत्ति जाहिर की। कहा कि यह गंभीर बात है। वहीं विलंब से पहुंचे सतना सीएमएचओ को बैठक से बाहर कर दिया गया।
मुख्य सचिव एसआर मोहंती प्रदेश के चार प्रमुख सचिवों के साथ रीवा पहुंचे। करीब साढ़े चार घंटे से अधिक समय तक रीवा और शहडोल संभाग की 11 बिंदुओं पर समीक्षा की। फोकस खाद्य पदार्थों की मिलावटखोरी पर ज्यादा रहा। सतना सहित अन्य जिलों में मिलावटखोरी के अभियान पर वे असंतुष्ट नजर आए। कहा, यहां काम होना नजर नहीं आ रहा। कलेक्टरों से कहा कि मिलावटखोरी पर बड़ा अभियान चलाएं। दिखावटी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। जो भी लोग मिलावट कर खाद्य सामग्री बेचते हैं उन सबको खाद्य सुरक्षा कानून के नियमों के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजना शुरू करें।
मोहंती ने स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि सतना में कलेक्टर रहने के दौरान बेटे की मिलावटी सामग्री खाने से तबियत खराब हुई तो पौने दो लाख रुपए खर्च करने पड़े। इसलिए उन परिवारों का दर्द हमें पता है, जो मिलावटी सामग्री खाने से बीमार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के भी सख्त निर्देश है कि मामले में बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मामले में किसी भी तरीके का राजनीतिक दबाव मत मानें। बैठक में प्रमुख सचिव गृह एसएन मिश्रा, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नीलम शमी राव, प्रमुख सचिव खनिज नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी एवं प्रबंध संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छवि भारद्वाज ने भी अपनी बातें रखीं और अपने विभाग के अधिकारियों से व्यवस्थाएं बनाने के लिए कहा।
देर से पहुंचे अफसरों को घुसने नहीं दिया
सुबह 11.40 बजे बारिश के बीच मुख्य सचिव कलेक्ट्रेट पहुंच गए। करीब पांच मिनट तक मीटिंग हाल में आवाजाही होती रही। इसके बाद चर्चा शुरू की, लगातार आना-जाना होता रहा। इससे नाराज होकर उन्होंने प्रवेश रोक दिया। इससे सतना और सीधी के सीएमएचओ, शहडोल के पीडब्ल्यूडी के एसई, बाणसागर के अधीक्षण यंत्री, कृषि के उपसंचालक सहित कई अन्य जिलों के बड़े अधिकारी बाहर ही रह गए।
अपने अधिकार समझें
कमिश्नर और कलेक्टर से कहा कि अपने अधिकारों को समझें और हर काम भोपाल के भरोसे नहीं टरकाएं। स्वयं अपने अधिकारों का उपयोग करें। जनता की समस्याओं को लेकर कहा कि जो भी कार्यालय आ रहे हैं उनकी बातें सम्मान के साथ सुनी जाएं। गांवों में जाकर लोगों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनी जाएं। राजस्व के मैदानी अमले पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है। कहा कि सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा आदि की कई तरह की गंभीर शिकायतें आ रही हैं। छह माह से अधिक इस तरह की शिकायतें लंबित नहीं रहें।
सड़कों के लिए 30 नवंबर तक का समय
सड़कों की समस्या को लेकर भी नेशनल हाइवे एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई। कहा कि गड्ढे पाटने के लिए बहाने नहीं चलेंगे। बरसात की वजह से कुछ जगह सड़कें खराब हुई हैं, उन्हें सुधारने और अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए ३० नवंबर तक का समय है।
सीएस को याद रहे समस्यामूलक क्षेत्र
पहले सतना कलेक्टर रह चुके सीएस मोहंती को आज भी समस्या मूलक क्षेत्रों की याद ताजा है। आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने जब सतना के कार्यक्रम की जानकारी दी तो सीएस ने पूछ लिया कि आप बरौंधा, चितहरा और रामनगर गए। उचेहरा के परसमनिया गए जहां राजा की ज्यादती होती थी। इसके बाद उन्होंने सभी से कार्यक्रम को गंभीरता से लेने और उसके उद्देश्यों को पूरा करने वाला आयोजन करने की नसीहत दी।
नाराजगी, बोले-कौआ बैठने से ट्रांसफार्मर नहीं होते खराब
मिलावटखोरी के साथ ही बिजली पर प्रमुख फोकस रहा। सीएस ने कहा कि बिजली कंपनी वालों की शिकायतें पूरे प्रदेश से आ रही हैं। कुछ कर्मचारी साजिश के तहत लाइन ट्रिप करवा रहे थे, उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। गांवों में ट्रांसफार्मर खराबी के नाम पर कई दिनों तक बिजली सप्लाई बाधित की जा रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कौआ बैठने से ट्रांसफार्मर खराब नहीं हो जाते लेकिन कंपनी के कर्मचारी गुमराह करने का काम कर रहे हैं। सभी कलेक्टर यह देखें कि सामान्य खराबी मौके पर ही सुधारी जाए। बिजली बिल को लेकर कहा कि सरकार ने नई योजना के तहत छोटे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है, इसमें निगरानी रखें कि कहीं कंपनी मनमानी न करने पाए।
सीएम कार्यालय की लंबित शिकायतों पर नाराजगी
मुख्यमंत्री कार्यालय से भेजे गए प्रकरणों के निराकरण में सतना जिले में सर्वाधिक लंबित मामले मिले। इस पर सीएस ने नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर से सीएस ने कहा कि सतना में सबसे ज्यादा लापरवाही है। ऑपरेटर पासवर्ड से नहीं चलेगा निराकरण में गंभीरता दिखानी होगी।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। ५ वर्ष से अधिक के प्रकरणों को प्राथमिकता से खत्म करने कहा है।
मनीष रस्तोगी, पीएस राजस्व
मिलावटखोरी पर सख्ती बरतने के लिए कहा गया है। सतना में भी अपेक्षित स्थिति नहीं है। सीएम कार्यालय के निराकरण पर ध्यान देने की जरूरत है।
एसआर मोहंती, सीएस
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