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Coronavirus: कोरोना के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है स्पूतनिक-वी की एक खुराक

Coronavirus: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के समय से ही रुसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की खुराक भी देश में उपलब्ध होने लगी है। स्पूतनिक-वी की एक खुराक सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बना सकती है। सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण ही कोरोना वायरस संक्रमण पैदा होता है। कोरोना की तीसरी लहर का भी आना तय है। तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए IMA ने भी चेतावनी दी है। कोरोना वायरस समय के साथ ही अपने स्वरूप बदल रहा है।

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सभी व्यक्तियों में वैक्सीन को लेकर मन में सवाल उठते हैं कि कौनसी वैक्सीन सबसे बेहतर है। देश में लग रही तीनों वैक्सीन में से जो भी उपलब्ध हो, उसे बिना सोचें लगवा लें। तीनों ही वैक्सीन कोरोना संक्रमण से बचाव करती है। एक अध्ययन में स्पूतनिक-वी की दो खुराकों के बाद कोविड-19 के खिलाफ 92% रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने की बात सामने आई थी। स्पूतनिक-वी का निर्माण दो एडिनोवायरस (सार्स-सीओवी-2) को मिलाकर किया गया है। ये वायरस सर्दी, बुखार और गले में खराश के साथ कई बीमारियों के कारण बनते हैं। इन्ही से कोरोना वायरस बनता है। पत्रिका सेल रिपोर्ट मेडिसिन में मंगलवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन में टीके की एक खुराक, दो खुराकों की तुलना में कितना फायदा पहुंचा सकती है, जिससे की बड़ी आबादी को बहुत ही कम समय में टीके लगाए जा सकें।

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शोधकर्ताओं ने 289 स्वास्थ्यकर्मियों पर स्पूतनिक-वी की एक खुराक और दूसरी खुराक सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में तुलना की गई। पहली खुराक के बाद इन स्वास्थ्यकर्मियों में से 94 प्रतिशत में वायरस के खिलाफ आईजीजी एंटीबॉडी विकसित हुई। 90 प्रतिशत ने एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने के सबूत भी दिखाए, जो कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए वायरस की क्षमता में हस्तक्षेप करते हैं। शोध ने पाया कि पहले से संक्रमित प्रतिभागियों में आईजीजी और न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी का स्तर एक खुराक के बाद उन लोगों की तुलना में काफी अधिक था, जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ था। वहीं, दूसरी खुराक ने पहले से संक्रमितों में एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने के उत्पादन में वृद्धि नहीं की।



Source: disease-and-conditions